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उत्तर प्रदेश

दो दिन पूर्व सीएम योगी ने जैसा कहा वैसा ही हुआ, अयोध्या में पकड़ा गया गैंगरेप का आरोपी सपा नेता

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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही विधानसभा में समाजवादी पार्टी के लोगों को महिला सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। अयोध्या में बुधवार को सपा नगर अध्यक्ष द्वारा नाबालिग के साथ गैंगरेप करने और उसका वीडियो बनाने का मामला सामने आने के बाद सीएम योगी की यह बात एक तरह से पुख्ता हो गयी। घटना के सामने आने के बाद अयोध्या पुलिस ने गुरुवार को 12 साल की मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपी समाजवादी पार्टी के भदरसा नगर अध्यक्ष मोइद खान और उसकी बेकरी में काम करने वाले एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित के परिजनों को मामले की जानकारी तब हुई जब मासूम गर्भवती हो गयी। इसके बाद मासूम के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की। हैरान करने वाली बात यह है कि सपा नेता की इस घिनौनी करतूत से अयोध्या के सांसद बेखबर हैं। जब मीडिया ने उनसे इस विषय पर पूछा तो वो जवाब देने से कतराते रहे।

सपा नगर अध्यक्ष ने गैंगरेप के साथ नाबालिग का बनाया वीडियो

एसएसपी राजकरन नैयर ने बताया कि सपा नेता मोइद खान ने पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर इसका वीडियो बनाया। अपनी घटिया करतूत का वीडियो दिखाकर और धमकी देकर आरोपी करीब ढाई महीने तक रेप को अंजाम देता रहा। इस करतूत को माेइद खान ने अपनी बेकरी में काम करने वाले राजू खान की मदद से अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि मामले का खुलासा दो माह बाद नाबालिग के गर्भवती होने पर हुआ। पुलिस ने बताया कि पूरा मामला थाना पूराकलंदर के भदरसा कस्बे का है। परिजनों के मुताबिक नाबालिक के पेट में दर्द होने पर वह डॉक्टर्स के पास लेकर पहुंचे, जिसके बाद मासूम के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर पॉक्सो एक्ट के तहत आराेपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है। साथ ही दोनों आरोपी सपा नगर अध्यक्ष मोइद खान और उसके साथी राजू खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पीड़िता के पिता की दो साल पहले हो चुकी है मौत

एसएसपी राजकरन नैयर ने बताया कि पीड़िता के पिता की 2 साल पहले मौत हो चुकी है। घर का गुजारा उसकी मां और बहनों के द्वारा मजदूरी से मिले पैसे से चलता है। आरोप है कि ढाई महीने पहले जब पीड़ित मजदूरी कर घर लौट रही थी तो मोइद खान की बेकरी में काम करने वाला राजू खान उसके पास आया और कहा मोइद खान तुम्हें बुला रहे हैं। जब पीड़ित वहां पहुंची तो मोइद खान ने उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। आरोप है कि सपा नेता मोइद खान ने रेप किया और राजू ने मोबाइल से वीडियो बनाया। इसके बाद राजू ने भी अपनी हवस पूरी की। इसके बाद ये सिलसिला आम हो गया और लगातार पीड़ित किशोरी के साथ यह दोनों रेप करते रहे। पीड़ित नाबालिग के साथ मोइद खान की करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं इस विषय पर अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। वो मामले में कुछ भी बोलने से कतराते रहे

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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