उत्तर प्रदेश
यूपी: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के निवेश प्रस्तावों से 1.10 करोड़ लोगों को मिलेगी नौकरी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फरवरी 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे 1.10 करोड़ युवाओं को रोजगार और नौकरी मिलेगी। इसके लिए जरूरी है कि सभी आईटीआई, पॉलिटेक्निक जैसे संस्थान इंडस्ट्री की मांग को समझकर, उसके अनुरूप ट्रेड व पाठ्यक्रम तैयार करें। युवाओं को जाब व सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए।
सीएम योगी रविवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में वृहद रोजगार मेला एवं नवचयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को ट्रेनिंग से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम के साथ युवाओं को जोड़कर आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इस योजना में आधा मानदेय सरकार व आधा इंडस्ट्री द्वारा दिया जाता है। इससे युवा अपने शिक्षा के दौरान परिवार पर न निर्भर होकर आत्मनिर्भर रहेगा। उसको शिक्षा के साथ मानदेय भी प्राप्त होगा। सीएम योगी ने इस बात और प्रसन्नता जताई कि एक वर्ष में दूसरी बार मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वृहद रोजगार मेला का आयोजन हो रहा है। जिसमें लगभग 15 हजार युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो नौजवान आज यहां प्लेसमेंट नहीं पाए हैं वे प्रयास करते रहें, उनके लिए भी शासन द्वारा रोजगार सृजन का कार्य हो रहा है।
हर हाथ को काम शासन की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाथ को काम आज उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकता है। आज का उत्तर प्रदेश नए भारत का एक नया उत्तर प्रदेश है जहां हर क्षेत्र में सफलता के नित नए प्रतिमान स्थापित हो रहे हैं। विकास के नए माडल दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डाटा टेक्नोलॉजी से जुड़कर व्यावसायिक शिक्षा विभाग वैश्विक मानक के अनुरूप नए कोर्सेज के लिए कार्य कर रहा है। विगत दिनों से पूरे विश्व में कुशल एवं योग्य युवाओं की मांग हो रही है। शासन ने व्यावसायिक शिक्षा विभाग के माध्यम से इजरायल, रूस, जर्मनी से संवाद स्थापित करके युवाओं को रोजगार के लिए वहां भेजने का कार्य किया है। इजरायल भेजने के लिए युवाओं का चयन किया गया है। वहां इन युवाओं को मुफ्त भोजन व आवास के साथ 1.5 लाख रुपये प्रतिमाह का वेतन प्राप्त होगा। यहां के युवा आईटीआई करके 1.5 लाख प्रतिमाह कमाएंगे तो है उनके घर के साथ पूरे गांव, राज्य व पूरे राष्ट्र में खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी में भी अच्छे नर्सिंग प्रोफेशनल्स की अत्यधिक मांग है। हमें इसके लिए ध्यान देना होगा। एक प्लेसमेंट सेल के माध्यम से युवाओं की कैरियर काउंसलिंग कर उनको देश व विदेश में रोजगार के अवसर से जागरूक कराना होगा। युवाओं को उस देश के भाषा के लिए भी प्रशिक्षित करने के कार्यक्रम को भी शुरू करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान ही उन्हें उस देश की भाषा सिखा दी जाएगी, तो उन्हें एक बेहतरीन पैकेज की प्राप्ति भी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भी कुशल युवाओं की मांग है। इजरायल फिर से यहां के युवाओं के लिए मांग कर रहा है। इसके लिए कौशल विकास विभाग के साथ सभी को प्रयास कर युवाओं को उस योग्य बनाने का प्रयास करना होगा। उन्हें उस प्रकार के कोर्सेज व वहां की भाषा को सिखाने के लिए कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे विश्व में यूपी के स्किल युवाओं की मांग को देखते हुए उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। इसको ध्यान मे रखते हुये सरकार टाटा टेक्नोलाजी के साथ मिलकर 150 विश्व स्तरीय आईटीआई बनाने जा रही है।
यूपी में एमएसएमई की 96 लाख यूनिट
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में एमएसएमई में 96 लाख यूनिट हैं। इन यूनिट को बाजार व तकनीक से जोड़कर एक्सपोर्ट के लिए अच्छी पैकेजिंग की सुविधा प्राप्त करनी होगी। इससे वैश्विक मांग के अनुसार उत्पाद की व्यवस्था कर सकेंगे। इसके अलावा भी अन्य कार्य कर सकते है। नौजवान को आज अच्छे पैकेज पर जाब प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना जैसे कार्यक्रमों से युवाओं को प्रशिक्षण के साथ उन्हें टूल भी दिये जा रहे हैं। सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए ब्याज रहित लोन देने का कार्य भी किया जा रहा है। सरकार युवा उद्यमियों को एक नयी प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा करने जा रही है। इसमें लाखों युवा रोजगार से जुड़ सकते है। मुख्यमंत्री इंटर्नशिप व ब्याज रहित ऋण के कार्य को सरकार लगातार बढ़ा रही है।
यूपी की उपलब्धि में युवाओं की बड़ी भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप पिछले कुछ सालों के प्रयास के फलस्वरूप आज यूपी के लोंगो को पैसा यूपी में ही खर्च हो रहा है। यहां का सीडी रेशियो आज 42 से बढ़कर 56 प्रतिशत हो चुका है। यह विकास में बड़ा योगदान दे रहा है। इन्ही प्रयासों के कारण आज देश में उत्तर प्रदेश छठवी अर्थव्यवस्था से उठकर दूसरी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह खुद को देश में एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर रहा है। यूपी की इस उपलब्धि में युवाओं की भी बड़ी भूमिका है।
युवाओं की स्किल मैपिंग करें शिक्षण संस्थान
सीएम योगी ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थान युवाओं की स्किल मैपिंग कर, उनकी क्षमता को पहचान कर उनका मार्गदर्शन करें। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी संस्थानों के लिए एक मंच का कार्य करेगी। इस शिक्षा नीति में परम्परागत पाठ्यक्रम के साथ ही स्किल पर भी ध्यान दिया गया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवा को रोजगार के लिए न भटकना पड़े। इससे बेरोजगारी का भी उन्मूलन हो सकेगा। उन्होंने बताया कि शासन के प्रयासो के बाद आज प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटकर मात्र दो प्रतिशत रह गयी है।
सीएम योगी के नेतृत्व में हो रहा यूपी का चहुमुखी विकास: कपिलदेव अग्रवाल
वृहद रोजगार मेले में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर है। भारत को विश्व गुरु बनने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार युवाओं को लगातार कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने का अभियान चला रही है। आज उत्तर प्रदेश तीव्रगति से आगे बढ़ रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पराम्परागत पाठ्यक्रम के साथ कौशल विकास के पाठ्यक्रम जोड़े गये है ताकि हर युवा के हाथ में हुनर हो। प्रदेश का युवा नौकरी लेने की बजाय नौकरी देने वाला बनें। कार्यक्रम को सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह ,विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युघिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एम. देवराज आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
स्टालों का अवलोकन किया मुख्यमंत्री ने
वृहद रोजगार मेला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम स्थल के पास लगे विभिन्न विभागों समेत आजीविका मिशन, नवाचार आदि से जुड़े स्टालों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्टालों पर मौजूद लोगों से उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली।
उत्तर प्रदेश
यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल
लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।
राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।
टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।
इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।
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