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उत्तर प्रदेश

उप्र: PDA के साथ साथ अगड़ों को भी जोड़ेगी सपा, जानें क्या है रणनीति

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akhilesh yadav sapa

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लखनऊ। पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) सरकार का नारा बुलंद करने वाली सपा अगड़ों को भी जोड़ने की मुहिम शुरू करने जा रही है। समाजवादी पार्टी की रणनीति है कि PDA को उनके अधिकार दिलाएंगे, पर किसी का भी साथ लेने से कोई परहेज नहीं है।

यही वजह है कि क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और कायस्थ समाज के बीच पैठ बढ़ाने की योजना पर भी पार्टी काम कर रही है। पहले चरण में जगह-जगह क्षत्रिय सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर लड़ा था।

तब सपा ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि देश के 10 फीसदी सामान्य वर्ग के समृद्ध लोग 60 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति पर काबिज हैं लेकिन, चुनाव में महागठबंधन को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। इसलिए इस बार सपा का PDA पर फोकस तो है, पर सामान्य जातियों को साथ लेते हुए आगे बढ़ने की योजना है।

सपा नेतृत्व के साथ अनौपचारिक बातचीत में कुछ क्षत्रिय नेताओं ने पार्टी के साथ जुड़कर काम करने की इच्छा जताई थी तो अब सपा ने भी इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। क्षत्रिय समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह को दी गई है।

जूही सिंह बताती हैं कि पार्टी ने सजातीय समाज को जोड़ने की जो जिम्मेदारी दी है, उस पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। 23 जुलाई को लखनऊ के इटौंजा में क्षत्रिय समाज का सम्मेलन होगा। इस तरह के सम्मेलन अवध, पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग हिस्सों में होंगे।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि जीएसटी को ईडी के दायरे में लाने के मुद्दे पर सपा ने वैश्य समाज को एकजुट करने की जिम्मेदारी व्यापार सभा के प्रदीप जायसवाल को दी है। शीघ्र ही व्यापार सभा के जिलेवार भी सम्मेलन आयोजित होंगे। इसी तरह के प्रयास ब्राह्मण और कायस्थ समाज के बीच भी शुरू किए जा रहे हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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