प्रादेशिक
युवाओं में मजबूत पहचान बनाती जा रही खादी, 3 महीनों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से 4928 लोगों को मिला रोजगार
लखनऊ। यूपी में 05 साल पहले तक जो खादी अपनी पहचान को तरस रही थी। उसे प्रदेश सरकार ने 04 सालों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया है। सरकार ने खादी से जहां आम आदमी को जोड़ा है। वहीं, विदेशों में भी खादी को बढ़ावा देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैशन शो के आयोजन किए हैं। खादी का दायरा बढ़ने से कोरोना काल के दौरान भी सरकार ने इसे विभिन्न परियोजनाओं से जोड़ कर रोजगार के नए-नए अवसर पैदा किए हैं। युवाओं के बीच लोकप्रिय खादी के उत्पादों को इसके उत्कृष्ट कारीगर रोज नया कलेवर देने में जुटे हैं।
स्वदेश की परिकल्पना पर आधारित खादी अब यूपी में युवाओं की पहलीी पंसद बन चुकी है। खादी उद्योग से जुड़ने के लिये युवाओं को प्रेरित करने की हर संभव मदद करने वाली योगी सरकार लगातार उद्योग को बढ़ाने में लगी है। इसकी वजह है कि यूपी में बीते तीन महीनों में खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 75 जिलों में 185 परियोजनाओं को 786.06 लाख रुपये की अनुदान राशि दी है। इसके माध्यम से यूपी के 1480 लोगों को रोजगार मिल सका है। गौरतलब है कि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने वाला खादी उद्योग यूपी में रोज बढ़ रहा है। सरकार खादी एवं अन्य छोटे उद्योगों के लिए बेहतर बाजार स्थापित कर रही है।
खादी के विकास के लिए सरकार के उठाए गए कदम खादी उद्योग को बढ़ाने के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। खादी के उत्पादों के प्रति बढ़ते रुझान का असर है कि लखनऊ, बुलंदशहर, हापुड़, फतेहपुर, बाराबंकी, औरैया, हरदोई, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, चंदौली, शामली, प्रतापगढ़ में उद्योग बढ़ा और युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलना शुरू हुए। युवाओं के सपनों को साकार करने वाली योगी सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों से रोजगार के अवसर दिलाने का लक्ष्य प्राप्त किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल से 30 जून तक यूपी में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों से स्वीकृत परियोजनाओं में 4928 लोगों को रोजगार दिया। इस कार्यक्रम के तहत खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला उद्योग केन्द्र में बैंकों द्वारा 616 परियोजनाएं स्वीकृत की गईं। जिनको 2283.71 लाख अनुदान राशि दी गई। यूपी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यामों को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास का जो मॉडल रखा। उसके चलते गांवों में उद्योग तो बढ़े ही साथ में गांव-गांव से युवाओं का पलायन भी रुका।
उत्तर प्रदेश
50 साल पुरानी मस्जिद को हटाने का आदेश, मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना
बागपत। बागपत के राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ है। तहसीलदार की अदालत में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
विवाद कैसे शुरू हुआ?
गांव के निवासी गुलशार ने जुलाई में हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मुतवल्ली पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के तालाब की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है। गुलशार का कहना था कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करके मुतवल्ली ने सरकारी संपत्ति का अतिक्रमण किया है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।
कोर्ट की सुनवाई और फैसला
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व संहिता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश में 90 दिन के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद, डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मस्जिद की जमीन की माप कराई, जिसमें पाया गया कि मस्जिद वास्तव में तालाब की जमीन पर स्थित है।
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