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उत्तराखंड

पर्यटन, कृषि, दुग्ध और वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्रों में बढ़ेगा निवेश का दायरा

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया और बड़े भारतीय उद्योगों के प्रतिनिधि मण्डल और शासन की सचिवों की बैठक हुई। प्रतिनिधि मण्डल में ऑर्गनिक तथा कान्ट्रेक्ट फार्मिंग, डेयरी, लाजिस्टिक, ऐग्रो प्रोसेसिंग, होम स्टे आदि क्षेत्र के विश्वस्तरीय निवेशक शामिल थे।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा निवेशकों को प्रदेश में संचालित औद्योगिक निवेश और नीतियों, प्रोत्साहन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निवेश का वातावरण बनाने के लिए पर्यटन, कृषि, दुग्ध, वैकल्पिक ऊर्जा आदि में नई नीतियां लाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के प्रभावी पहल पर प्रदेश सरकार ने विगत दो वर्षों में निवेश का वातावरण बनाने का प्रयास किया है, जिसमें विभिन्न देशों एवं राज्यों में प्रदेश में उद्योग स्थापना के लिए जानकारी दी गई। इसी क्रम में आज ऐग्रो प्रोड्क्ट एवं ऐग्रो प्रोसेसिंग, डेयरी, पर्यटन, ऊर्जा में निवेशकों के साथ चर्चा की जा रही है।

सचिव कृषि, दुग्ध एवं मत्स्य पालन विभाग मिनाक्षी सुन्दरम द्वारा ऐग्रो प्रोसेसिंग, कान्ट्रेक्ट फार्मिंग पर प्रदेश के परिपेक्ष्य में विस्तार से प्रकाश डाला गया।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर द्वारा प्रदेश में संचालित होमस्टे योजना पर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के दौरान होम स्टे योजना में दी जा रही सुविधाओं पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया, कि प्रदेश में अनेक प्राकृतिक सौन्दर्य स्थल हैं, जहां पर होमस्टे योजना में कार्य करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नये पर्यटन स्थल भी विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने रोजगार सृजन करने तथा स्थानीय युवाओं की आय के साधन विकसित करने की होमस्टे योजना के उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी।

निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने स्लाईड शो के माध्यम से प्रदेश में विभिन्न स्थलों में ऑर्गनिक फार्मिंग, पर्यटन, डेयरी, वैकल्पिक ऊर्जा आदि के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया तथा प्रदेश के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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