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उत्तर प्रदेश

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित हो वेटरिनरी कॉलेज, इंटरनेशनल स्टेडियम और कान्हा गोशाला : मुख्यमंत्री

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ताल नदोर में बन रहे वेटरिनरी कॉलेज (पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय) और यहां प्रस्तावित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम तथा कान्हा गोशाला को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाए। सरकार की मंशा इस क्षेत्र को विकास का एक नया मॉडल बनाने की है।

सीएम योगी मंगलवार अपराह्न गोरखपुर के ताल नदोर में बन रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का निरीक्षण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की डिजाइन, लेआउट, मॉडल का अवलोकन कर इसके प्रमुख आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि ताल नदोर में 80 से 100 एकड़ में प्रस्तावित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और 52 एकड़ में नगर निगम की तरफ से बनाए जाने वाले कान्हा गोशाला को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक दायरे में लाया जाए। इस पायलट प्रोजेक्ट से हम यहां कुल ढाई-तीन सौ एकड़ क्षेत्रफल में विकास का शानदार मॉडल बना सकेंगे। लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने बताया कि इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए 106 एकड़ क्षेत्रफल में प्रारंभिक सर्वे का काम किया जा चुका है। इसके अलावा 52 एकड़ में बनने वाले कान्हा गोशाला का निर्माण सीएनडीएस द्वारा कराया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कार्यों को एक दायरे में लाने पर काम किया जाए। वेटरिनरी कॉलेज के निर्माण की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रथम चरण का निर्माण मार्च 2026 में पूरा करा लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने वेटरिनरी कॉलेज के लेआउट का अवलोकन करने के दौरान पशुओं (गाय, भैंस, बकरी, घोड़ा आदि) के रखने और उनकी फीड के लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। जानकारी लेने के बाद उन्होंने निर्देशित किया कि पशुओं के चारागाह के लिए पर्याप्त लैंड रिजर्व करने और गौ सरोवर बनाने के लिए भी व्यवस्था की जाए। इसके लिए संरचना में आवश्यक परिवर्तन भी किए जाएं। सीएम योगी ने वेटरिनरी कॉलेज के समीप ही चार एकड़ में बन रहे वृहद गोशाला को भी देखा और निर्देशित किया कि यहां गर्मियों में पशुओं को रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएं।
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं से आत्मीय संवाद कर उनका कुशलक्षेम जाना। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान विधायक विपिन सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, प्रशासन, पुलिस, पशुपालन, लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

पहले चरण के निर्माण पर खर्च होने 277 करोड़ 31 लाख रुपये

गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष 3 मार्च को किया था। 80 एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे।। कार्यदायी संस्था के रूप में लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार दी गई है। महाविद्यालय के परिसर में एकेडमिक ब्लॉक (भूतल+पांच मंजिल) हॉस्पिटल ब्लॉक, आवासीय ब्लॉक, 430 की क्षमता का पुरुष छात्रावास, 268 की क्षमता का महिला छात्रावास, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, कम्युनिटी सेंटर, एसटीपी, किसान भवन के साथ पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी विभिन्न विधाओं के शोध अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इस महाविद्यालय परिसर को ‘नेट जीरो एनर्जी’ की अवधारणा पर विकसित किया जाएगा।

राजा शालिहोत्र की परिकल्पना पर डिजाइन की गई है महाविद्यालय की ड्राइंग

इस महाविद्यालय में पशुओं के इलाज के साथ नस्ल सुधार के कार्य भी होंगे। इस पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के बन जाने के बाद यहां देशभर के पशु चिकित्सकों की ट्रेनिंग भी होगी। इस महाविद्यालय की ड्राइंग श्रावस्ती के राजा शालिहोत्र की परिकल्पना पर डिजाइन की गई है। राजा शालिहोत्र ने तीसरी सदी में शालिहोत्र संहिता रचकर पशुधन के क्षेत्र को समृद्ध किया। भारतीय परंपरा में उन्हें पशु चिकित्सा विज्ञान का जनक माना जाता है।

भविष्य में विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड होने की उम्मीद

शिलान्यास के दिन मुख्यमंत्री ने ताल नदोर के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड करने का भरोसा दिया था। फिलहाल यह महाविद्यालय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा से संबद्ध होगा। इसके बन जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के पशुपालकों को भी काफी फायदा होगा।

फोरलेन होगा पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का एप्रोच मार्ग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के एप्रोच मार्ग को फोरलेन बनाया जाएगा। इसके लिए गोरखपुर-वाराणसी हाईवे से महाविद्यालय तक 450 मीटर मार्ग का फोरलेन में 3 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से नवनिर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा इस पर 3 करोड़ 84 लाख रुपये की लागत भूमि अध्याप्ति पर आएगी। कार्यदायी संस्था के रूप में फोरलेन निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स

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महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।

प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर

महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।

6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।

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