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उत्तर प्रदेश

श्री अन्न’ किसानों के साथ संबल बनकर खड़ी है योगी सरकार

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लखनऊ |  योगी सरकार श्रीअन्न किसानों के साथ भी संबल बनकर खड़ी है। योगी सरकार के निर्देशन में धान की तरह ही ज्वार खरीद भी खूब की जा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में ज्वार खरीद में अब तक 88.75 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। 3503 किसानों से 17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि तक 5904.55 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। सरकार के प्रयासों से इसमें निरंतर बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार ने अब तक ज्वार किसानों को 52.13 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान भी कर दिया है।

17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की हो चुकी खरीद, 88.75 फीसदी लक्ष्य किया हासिल

वर्ष 2024-25 के लिए ज्वार खरीद चल रही है। इस वर्ष 20 हजार मीट्रिक टन खऱीदारी का लक्ष्य है। लक्ष्य के सापेक्ष 88.75 फीसदी क्रय कर लिया गया है। अब तक (28 नवंबर) 3503 किसानों से 17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हो चुकी है। इस एवज में सरकार ने 52.13 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान कर दिया है। पिछले वर्ष (2023-24) तक इस अवधि में 22 जनपदों में 5904.55 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हुई थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक 11,844.7 मीट्रिक टन से अधिक की खरीद की जा चुकी है।

बाजरा किसानों को सरकार ने किया 103.90 करोड़ से अधिक भुगतान

योगी सरकार की देखरेख में बाजरा खरीद भी तेजी से चल रही है। अब तक 248 क्रय केंद्रों से खऱीद की जा चुकी है। प्रदेश के 8031 किसानों से 42732. 65 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हुई है। इस एवज में बाजरा किसानों को 103 करोड़.90 लाख रुपये से अधिक का भुगतान भी कर दिया गया है। बाजरा खरीद भी निरंतर जारी है।

सरकार ने बढ़ाया है न्यूनतम समर्थन मूल्य

श्रीअन्न को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है। ज्वार मालदांडी का 3421 रुपये, ज्वार (हाईब्रिड) का 3371 रुपये, बाजरा का न्यूतनम समर्थन मूल्य 2625 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।

इन जिलों में हो रही बाजरा खरीद

बदायूं, बुलंदशहर, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, संभल, अमरोहा, अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर, जालौन, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर

ज्वार खरीद वाले जनपद

बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर-देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन में ज्वार की खरीद हो रही है।

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उत्तर प्रदेश

गोवंश के हित में गोचर भूमि का शत प्रतिशत उपयोग कर रही योगी सरकार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गोसंरक्षण और गोपालन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में ला खड़ा किया है। प्रदेश में गोवंश संरक्षण और उनकी देखरेख के लिए व्यापक स्तर पर योजनाओं को लागू किया जा रहा है, जिनसे न केवल गोवंश का कल्याण हो रहा है बल्कि किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। उत्तर प्रदेश में कुल 6708 ग्रामीण गो-आश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी स्थलों पर गोवंश की देखभाल के लिए 100% टैग्ड गोचर भूमि का उपयोग किया गया है, जो 9091.21 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली हुई है। इस भूमि में हरित चारा उत्पादन को प्राथमिकता दी गई है, जिससे गोवंश के पोषण की समस्या को दूर किया जा सके।

हरित चारा उत्पादन में वृद्धि

टैग्ड गोचर भूमि में से 5465.93 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर हरित चारा बोया गया है, जो कुल क्षेत्रफल का 60.12% है। इसमें, 1007.99 हेक्टेयर क्षेत्र में नेपियर घास की खेती की गई है, जबकि 4457.93 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बरसीम और ज्वारी चारे का उत्पादन हुआ है। यह प्रयास गोवंश के लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इन जिलों में सर्वाधिक गो-आश्रय स्थल

प्रदेश में सर्वाधिक गो-आश्रय स्थल जनपद जालौन (396), हरदोई (357), हमीरपुर (319), बांदा (309) चित्रकूट (306), बदायूं (297) उन्नाव (291), महोबा (266) में हैं, जहां बड़े पैमाने पर हरे चारे का उत्पादन किया जा रहा है।

किसानों को दिया गया समर्थन

योगी सरकार ने किसानों को ज्वारी चारा बीज का वितरण करते हुए 7404.41 कुंतल बीज का आवंटन जिलों में किया है। साथ ही, 810.80 कुंतल प्रमाणित बरसीम चारा बीज भी प्रदान किया गया है। इन प्रयासों का उद्देश्य गो-आश्रय स्थलों को चारा उत्पादन के लिए आत्मनिर्भर बनाना और किसानों को चारे की खेती के लिए प्रेरित करना है।

जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा

गोवंश आधारित जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को नेपियर रूट स्लिप्स (जड़ें) का भी वितरण किया जा रहा है। अब तक 35 लाख जड़ों का आवंटन किया जा चुका है। इससे न केवल जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

गोसंरक्षण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

योगी सरकार के इन प्रयासों से न केवल गोवंश को संरक्षित करने में सफलता मिली है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी साबित हो रहा है। गो-आश्रय स्थलों से मिलने वाला गोबर और मूत्र जैविक खाद के रूप में उपयोग हो रहा है, जिससे किसानों को सस्ते और प्रभावी उर्वरक मिल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार का प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लक्ष्य को भी साकार कर रहा है।

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