उत्तर प्रदेश
सवा लाख किसानों को 71 करोड़ का ‘योगी मरहम’
लखनऊ: अन्नदाता किसानों की आय में वृद्धि के साथ ही किसी आपदा में उन्हे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी योगी सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में बाढ़ की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए योगी सरकार ने अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की गई है। यह धनराशि क्षतिग्रस्त फसलों को मुआवजा देने के लिए जिलों की डिमांड पर जारी की गई है। वहीं अब तक सवा लाख से अधिक किसानों को उनकी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 71 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा दिया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 70 हजार से अधिक किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
सबसे अधिक लखीमपुर खीरी में दिया गया 47 करोड़ रुपए का मुआवजा
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे किया जा रहा है, ताकि किसानों को समय से मुआवजा दिया जा सके। उन्हाेंने बताया कि नेपाल और पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गये पानी से प्रदेश के 18 जिलों की 82126.50 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई। वहीं सर्वे के दौरान वास्तविक क्षतिग्रस्त फसल 29,243.74 हेक्टेयर पायी गयी। बता दें कि सरकार की ओर से बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त 33 प्रतिशत से अधिक फसल के नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है। राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से 1,57,444 किसानों की फसल प्रभावित हुई जबकि लेखपाल द्वारा अब तक 1,56,952 किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए पोर्टल पर फीड किया जा चुका है। इसके सापेक्ष अब तक 1,25,521 किसानों को 71.01 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चका है। वहीं बचे हुए किसानों की फीडिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सबसे अधिक लखीमपुर के 88546 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके सापेक्ष भुगतान के लिए अब तक 88544 किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। वहीं 70,691 किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह सिद्धार्थनगर 19805 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है जबकि 15478 किसानों को 7.70 करोड़ का भुगतान किया जा चुकी है। वहीं हरदोई के 18010 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है जबकि 14673 किसानों को 5.42 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है।
तहसील पर चस्पा की जाएगी लाभार्थी किसानों की लिस्ट
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में क्षतिग्रस्त फसलों के किसानों की लिस्ट तहसीलों पर चस्पा करने का निर्णय लिया गया है। दरअसल, सरकार की ओर से किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दे दिया जाता है, लेकिन किसानों द्वारा लोन के बकाये समेत अन्य बकाये की वजह से मुआवजे की धनराशि खाते में पहुंचते ही लेस हो जाती है। इससे किसानों को यह नहीं पता चल पाता कि उन्हे क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा मिला है या नहीं। इसे पता करने के लिए वह तहसील के चक्कर लगाते हैं। ऐसी परिस्थिति न हो इसके लिए योगी सरकार ने तहसील पर क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा प्राप्त करने वाले किसानों की लिस्ट चस्पा करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही तहसील में एक निश्चित दिन जिन-जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उनके नाम एनाउंस किये जाएंगे। वहीं सरकार की ओर से ऐसे किसानों की भी लिस्ट एनाउंस की जाएगी, जिन्हे मुआवजा नहीं दिया गया। इस दौरान मुआवजा न देने की वजह भी बताई जाएगी।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स
महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।
प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर
महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।
6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।
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