उत्तर प्रदेश
योगी के सुशासन से यूपी बना निवेशकों की पसंद
लखनऊ। को ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने योगी सरकार की औद्योगिक नीतियों की सराहना की थी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा था, “राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से उत्तर प्रदेश तेजी से उद्यम प्रदेश बन रहा है। प्रदेश में सुशासन की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। उनके इन प्रयासों से प्रदेश में 360 डिग्री का बदलाव दिख रहा है। उत्तर प्रदेश दुनिया के निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन चुका है। प्रदेश में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे और हाइवे को लेकर हुए और हो रहे काम काबिले तारीफ हैं।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अक्सर निवेशकों से यह अपील करते हैं कि आप यूपी में निवेश करें, सुरक्षा और सुशासन की गारंटी मेरी है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की बात और योगी की सुरक्षा और सुशासन की गारंटी से पिछले सात साल में किस तरह यूपी के औद्योगिक इको सिस्टम में आमूलचूल बदलाव आया है, यह आंकड़ों में भी सच साबित हो रहा है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा के नक्शेकदम पर बुंदेलखंड और पूर्वांचल
नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास में नए प्रतिमान रच रहे हैं। अब तो इसमें यमुना विकास प्राधिकरण भी शामिल है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने के बाद इस के क्षेत्र के विकास को पंख लग जाएंगे। जिस तरह कई देश इस क्षेत्र में निवेश और कॉरपोरेट ऑफिस को लेकर इंटरेस्टेड हैं उसके मद्देनजर संभव है आने वाले कुछ वर्षों में जेवर के आस पास का इलाका देश-दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्यों में शुमार हो जाय।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल भी कनेक्टिविटी बेहतर होने से उसी नक्शेकदम पर हैं। बुंदेलखंड सोलर एनर्जी का हब बन रहा है। डिफेंस कॉरिडोर यहां के माहौल को और बूस्टअप कर रहा है। सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में झांसी के 33 गांवों को मिलाकर नोएडा से भी बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, बीडा (बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) बनाने की है। इस पर काम भी शुरू हो गया है।
भविष्य में एनसीआर से टक्कर लेगा एससीआर
लखनऊ के पास के पांच जिलों को मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) का गठन हो चुका है। लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1162 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और लखनऊ अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के 40 एकड़ क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपी पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डेटा सेंटर के निर्माण से प्रदेश की राजधानी भी इंडस्ट्री का एक हब बन जाएगी। आने वाले कुछ वर्षों में राज्य राजधानी क्षेत्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से विकास के मामले में बराबरी करेगा।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल का विकास खास प्राथमिकता
योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ रही है। इसके लिए अपने दो दिवसीय चित्रकूट दौरे के दौरान सीएम ने 13 अरब रुपए की भी मंजूरी भी दे दी है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल का विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खास प्राथमिकताओं में से एक है। डिफेंस कॉरिडोर सहित विकास की अन्य योजनाओं के जरिए शौर्य और संस्कार की ये धरती विकास का भी स्वर्णिम इतिहास लिखेगी। इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में करीब दो दशकों से बंद खाद कारखाना फिर से चालू हो चुका है। वह भी पहले से अधिक उत्पादन क्षमता के साथ। गीडा भी अपनी स्थापना के करीब 35 वर्षों में निवेश का पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है।
इससे उत्साहित होकर सरकार गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर करीब 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रही है। गोरखपुर के दक्षिणांचल में धुरियापार के आसपास उसर जमीन का एक बड़ा पैच है। यहां खेतीबाड़ी बहुत मुश्किल है। इस इलाके में करीब 5500 एकड़ में एक नई इंडस्ट्रियल सिटी बना रही है। ऐसा होने पर गोरखपुर पटना और काठमांडू के बीच निवेश का सबसे बड़ा हब बनकर उभरेगा।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने अपेक्षाकृत पिछड़े बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की है। सरकार प्रदेश के एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 5500 एकड़ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास करने जा रही है। बुंदेलखंड और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के नाते इसका भी लाभ बुंदेलखंड और पूर्वांचल को ही सर्वाधिक मिलेगा।
किस तरह देश-दुनिया के निवेशकों की पसंद बना यूपी
यूपी में देश-दुनिया के उद्योगपति किस तरह निवेश के उत्सुक हैं, इसके प्रमाण निवेश संबंधी कुछ आंकड़े हैं।
🔹यूपी इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू और 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाओं का क्रियान्वयन।
🔹ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी 4.0 में 10.11 लाख करोड़ रुपये की करीब 1500 परियोजनाओं पर काम शुरू।
🔹यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 28029 एमओयू पर सहमति ,40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स
महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।
प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर
महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।
6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।
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