मनोरंजन
बॉलीवुड के लोग आखिर हर चीज पर टिप्पणी क्यों करें : विकास बहल
नई दिल्ली| फिल्मकार विकास बहल का कहना है कि बॉलीवुड कलाकार अगर चुप हैं तो भी उनकी आलोचना की जाती है और अगर कुछ बोले तो विवाद खड़ा हो जाता है, इसलिए हर मुद्दे पर आखिर वे क्यों बोलें। जहां एक ओर पाकिस्तान और भारत के बीच सीमा पर तनाव चल रहा है, वहीं मनोरंजन की दुनिया में बवाल मचा हुआ है।
यहां कुछ भारतीय संगठनों ने मनोरंजन जगत में पाकिस्तानियों पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं पाकिस्तानियों ने सिनेमाघरों में भारत की फिल्में दिखाने से मना कर दिया है। ‘क्वीन’ के निर्देशक का मानना है कि बॉलीवुड के लोग जो बोलते हैं, उन पर अधिक होहल्ला मचाया जाता है।
बहल ने मुंबई से फोन पर कहा, “ईमानदारी से कहूं, तो मुझे नहीं पता कि बॉलीवुड सभी चीजों पर टिप्पणी क्यों करता है। चूंकि, यहां बहुत-से मुद्दे हैं और देश में सभी लोग इस तरह के मुद्दे से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वे इतने लंबे समय से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “बॉलीवुड को सभी चीजों पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। हां, यदि हम उस विषय के बारे में अच्छी तरह वाकिफ हैं तो अलग बात है। जैसे कि मुझे भारत में महिलाओं के मुद्दे पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। ईमानदारी के साथ कहूं तो इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि इस मुद्दे पर मैंने कोई काम नहीं किया है।”
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़कर वापस जाने का अल्टीमेटम दिया। एमएनएस ने पाकिस्तानी सिनेमा और टेलीविजन कलाकारों के लिए 23 सितंबर को भारत छोड़ने के लिए तथाकथित अल्टीमेटम जारी किया है। जम्मू और कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे।
वहीं सलमान खान, कंगना रणौत और अदनान सामी ने अपने विचार व्यक्त किए। फवाद खान और आतिफ असलम ने बॉलीवुड फिल्मों में काम किया। वहीं उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। ‘शानदार’ निर्देशक ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि लोगों ने इस पर विचार साझा करने के लिए उन्हें फोन किया।
मनोरंजन की दुनिया में प्रौद्योगिकी में आए बदलाव के बारे में बहल ने कहा, “इसका अच्छा और बुरा दोनों पक्ष है। अच्छा पहलू यह है कि जब भी लोग इसे देखेंगे तो काफी लंबे समय तक देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “दुख की बात यह है कि हम ऐसी फिल्म बनाते हैं कि लोग चल कर सिनेमाघरों तक आएं और हम बड़े पर्दे के लिए फिल्म बना रहे हैं।” बहल वर्तमान में बिहार के शैक्षिक कोचिंग संस्थान सुपर 30 पर बायोपिक बना रहे हैं।
मनोरंजन
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा के क्षेत्र में मिला सर्वोच्च सम्मान “दादा साहब फाल्के पुरस्कार”
नई दिल्ली। अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को मंगलवार को सिनेमा के क्षेत्र में सरकार का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां विज्ञान भवन में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘मृगया’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘प्रेम प्रतिज्ञा’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके चक्रवर्ती को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं आपके आशीर्वाद से एक बार फिर इस मंच पर आया हूं। मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली, मैंने बहुत संघर्ष किया। लेकिन आज, यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, मैंने शिकायत करना बंद कर दिया है। भगवान का शुक्र है, आपने ब्याज सहित मुझे सब कुछ वापस दे दिया।’’
उन्होंने भारत भर में उभरती प्रतिभाओं के लिए भी कुछ सुझाव साझा किए। अभिनेता ने कहा, ‘‘हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए। सपने देखते रहिए। सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए।’
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