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बिजनेस

ह्युंडई की बिक्री 21 फीसदी बढ़ी

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नई दिल्ली| वाहन निर्माता कंपनी ह्युंडई मोटर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि दिसंबर 2014 में उसकी बिक्री साल-दर-साल आधार पर 21 फीसदी बढ़ी। कंपनी ने कहा कि उसने गत महीने 59,365 कारें बेचीं। एक साल पहले दिसंबर 2013 में कंपनी ने 49,078 कारें बेची थीं।

घरेलू बाजार में कंपनी ने 14.7 फीसदी अधिक 32,504 कारें बेचीं। एक साल पहले का आंकड़ा 28,345 था।

कंपनी का निर्यात 29.6 फीसदी बढ़ा। विदेशी बाजार में कंपनी ने 26,861 कारें बेचीं, जबकि एक साल पहले का आंकड़ा 20,733 था।

बिक्री एवं विपणन खंड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने कहा, “2014 की चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थिति में ह्युंडई ने रिकार्ड अधिकतम 4.11 लाख कारें बेचीं। इस दौरान यात्री कार बाजार में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी रिकार्ड अधिकतम 21.8 फीसदी रही। इसमें मजबूत उत्पाद पोर्टफोलिया, पसंदीदा ब्रांड और ग्राहक केंद्रित चैनल की प्रमुख भूमिका रही।”

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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