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नेशनल

आंध्र प्रदेश नौका हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 19

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विजयवाड़ा, 13 नवंबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में रविवार को नौका डूबने की घटना के बाद सोमवार को कृष्णा नदी से तीन और शव बरामद होने पर मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।

दो लापता लोगों की तलाश अभी जारी है।

नौका के निजी संचालक द्वारा सीमा से ज्यादा संख्या में 42 यात्रियों को ले जा रही नौका यहां रविवार शाम को इब्राहिमपत्तनम घाट के पास डूब गई।

अधिकांश पर्यटक ओंगोल शहर के रहने वाले थे। जो पिछले रविवार को पवित्र महीने कार्तिक में कृष्णा और गोदावरी नदियों के पवित्र संगम पर आयोजित ‘महाआरती’ देखने के लिए भवानी द्वीप से आ रहे थे।

स्थानीय मछुआरों और बचावकर्मियों ने 21 लोगों को बचाया।

कृष्णा जिले के जिलाधिकारी बी. लक्ष्मीकांत ने कहा कि उनमें से चार लोगों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ रविवार रात को घटनास्थल पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री एन. चिन्नाराजप्पाने बचाव और राहत कार्यो का जायजा लिया।

चिन्नाराजप्पा ने कहा कि ओगोंल वॉकर्स क्लब के 32 सदस्य भी नौका पर सवार थे। उन्होंने हर मृतक के परिवार को आठ लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि दुर्घटना का कारण नौका में ज्यादा संख्या में लोगों का सवार होना माना जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि निजी कंपनी के पास नौका चलाने की अनुमति नहीं थी।

इस घटना में बचे लोगों का कहना है कि पर्यटन विभाग की नौका उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें निजी नौका में सवार होना पड़ा। उन्होंने नौका में जीवनरक्षक जैकेट नहीं होने की शिकायत भी की।

कंपनी के क्रू सदस्यों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीन अन्य फरार हैं।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू सोमवार को घटनास्थल का मुआयना करेंगे। वह घायलों से भी मुलाकात करेंगे।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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