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प्रादेशिक

आईएएस पर लगे आरोपों की जांच को बने समिति  

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एक्टिविस्ट, नूतन ठाकुर, आईएएस, सीएम योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक बार फिर आईएएस अफसर रेणुका कुमार पर दूसरे आईएएस अफसर भवानी सिंह की ओर से लगाए गए आरोपों की न्यायिक समिति से जाँच कराये जाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व पत्र में तत्कालीन महिला कल्याण निदेशक तथा वर्तमान डीएम बागपत भवानी सिंह के 17 तथा 20 मार्च 2017 को प्रमुख सचिव, महिला कल्याण रेणुका कुमार को भेजे 03 पत्रों में लगाए गए गंभीर आरोपों के जाँच की मांग की थी।

इन आरोपों में बिना नियमों के दृष्टि नामक संस्था को 03 करोड़ रुपये तथा महिला समाख्या को 18 करोड़ रुपये दिए जाने, एक एनजीओ को ताज होटल के बगल में बेशकीमती जमीन कब्जा करवाने, रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कारों में धांधली करने, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना में गलत तरीके से करोड़ों रुपये भुगतान करने, निदेशालय के लोगों पर फर्जी भुगतान हेतु दवाब देने, गलत नियुक्तियां करने जैसे आरोप शामिल हैं।

नूतन ने कहा कि रेणुका कुमार का कहना है कि चूँकि भवानी सिंह अपना काम नहीं करते थे। अतः उन्हें डांटा गया, जिस पर उन्होंने फर्जी आरोप लगाए।

इसके सम्बन्ध में उन्होंने मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री और मुख्य सचिव को स्थिति स्पष्ट कर दी है और वे संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर आरोपों में बिना विधिवत जाँच किये कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। साथ ही यदि भवानी सिंह ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर फर्जी आरोप लगाए, वह भी अपने आप में अत्यंत गंभीर कदाचार है। अतः उन्होंने इन तथ्यों की न्यायिक जाँच की मांग की है।

 

प्रादेशिक

ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

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लखनऊ। आज यूनियन “ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन” की प्रेस कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड, लखनऊ स्थित एक होटल में आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु यूनियन द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रेस वार्ता हुई। यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पाण्डे ने पत्रकारों से बताया कि हम लगातार कई वर्षों से श्रमिकों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी का परिणाम ये है कि वित्त विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पुराने श्रमिकों के कार्य करने के कार्य दिवस के अनुसार उनको अवशेष वेतन का भुगतान का आश्वासन दिया गया जिसकी आगे की कार्यवाही दिनाँक 18 अक्टूबर से प्रारंभ की जाएगी साथ ही उप-श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा 9 अक्टूबर तक यूनियन से तक़रीबन 7 जिलों के 19 डिपो के श्रमिकों की सूची की मांग की गई है ताकि उस सूची पर आगे की कार्यवाही की जा सके।

राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पांडेया ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम उन गरीब श्रमिकों को उनका हक जिसमें न्यूनतम वेतन के अलावा हर वो सुविधा दिलाने की कोशिश कर रही है जो एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक होती है आज उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के श्रमिक भूखमरी के कगार पर हैं, उनका प्रति बोरी के हिसाब से 1.5 रुपये 2 रुपये दिया जाता है कोई बीमा नहीं है, कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है, वो बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा तक नहीं सकते, उत्तर प्रदेश भंडारण निगम में ठेकेदार लाल हैं और श्रमिक बेहाल। बस यूँ कहिए की वो किसी तरह जी रहे हैं। उन्होंने कहा ये लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक श्रमिकों को उनका हक ना मिल जाए।

इस अवसर पर यूनियन के उत्तर प्रदेश कमेटी के मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की गई, कमेटी में अध्यक्षा नीशू शुक्ला गिल, उपाध्यक्ष रोहिल कुमार, महामंत्री प्रवीण कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री राम रहीश, कार्यालय मंत्री विजय कुमार, प्रचार मंत्री राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष विवेक शर्मा, इन सभी को पदभार दिया गया।

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