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नेशनल

छत्तीसगढ़ : सांसद पुत्र की स्वाइन फ्लू से मौत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के भाजपा सांसद चंदूलाल साहू के स्वाइन फ्लू पीड़ित 32 वर्षीय पुत्र फणेंद्र भूषण साहू उर्फ राजू साहू का गुरुवार को निधन हो गया।

राजू साहू को विगत 29 सितंबर को राजधानी रायपुर के बालाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सात अक्टूबर को दिल्ली से आई रिपोर्ट में उन्हें स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई थी। इलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाने की कोशिश भी की गई, लेकिन हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली रेफर नहीं किया गया। उन्हें वहीं वेंटीलेटर का सहारा दिया जा रहा था।

राजू साहू की मौत की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में सांसद के रिश्तेदार और परिचित क्षेत्रवासी अस्पताल पहुंचे। मृदुभाषी राजू ने अपने पिता के चुनाव प्रचार के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके निधन की खबर पाकर सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर युवा राजू को अपनी श्रद्धांजलि दी।

बालाजी अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी देवाशीष राय चौधरी ने बताया कि गुरुवार सुबह दस बजे उपचार के दौरान फणेंद्र भूषण साहू उर्फ राजू साहू की मौत हो गई। उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था, जिसका उपचार जारी था। उन्हें विगत 29 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने सांसद चंदूलाल साहू के पुत्र के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति एवं संवेदना प्रकट की है।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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