नेशनल
पाकिस्तान की कायराना कार्रवाई जारी, हजारों की छत छीनी
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में पाकिस्तान की ओर से भारतीय चौकियों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर लगातार हो रही गोलाबारी के कारण करीब 10 हजार लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। ये लोग फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए शिविरों की ओर कूच कर गए है। पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ना जारी है।
जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में सीमा पार से लगातार हो रही गोलाबारी और सोमवार को एक जवान के शहीद होने के बाद तनाव का माहौल लगातार कायम है। करीब 10 हजार लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में नागरिक इलाकों को लगातार निशाना बनाए जाने के बाद सांबा और कठुआ जिलों में सीमा से सटे इलाकों के लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। इनकी संख्या 10,000 के पार हो गई है और वे फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए शिविरों में रह रहे हैं, जबकि उनका घर छोड़ना मंगलवार को भी जारी है।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने सोमवार देर रात तक कठुआ और सांबा जिलों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियों पर हमले किए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स ने कठुआ तथा सांबा जिलों में सोमवार को बीएसएफ की करीब 25 चौकियों को निशाना बनाया। उन्होंने नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया। बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बंद हुई।
उत्तर प्रदेश
बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन
भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी
चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।
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