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यूपी में लोकायुक्त की नियुक्ति पर बैठक 27 सितम्बर को

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति के सिलसिले में चयन समिति की बैठक अब आगामी 27 सितम्बर को हो सकती है। चयन समिति में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं।

समिति की बैठक 17 सितम्बर को होनी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश के नहीं आने की वजह से यह स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकायुक्त के नाम पर आपत्ति करते हुए राज्यपाल राम नाईक पत्रावली चार बार वापस कर चुके हैं।

सरकार न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) रवीन्द्र सिंह को लोकायुक्त बनाने की पक्षधर थी, लेकिन नाईक के साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने भी सिंह के नाम पर असहमति जता दी। अब इस पद पर न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) वीरेन्द्र सिंह यादव के नाम की चर्चा चल रही है, हालांकि सरकार ने कुछ और नाम सुझाए हैं।

न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) वीरेन्द्र सिंह यादव इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जनवरी 2011 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें 24 नवम्बर, 2012 को राज्य उपभोक्ता फोरम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस पद पर उनका कार्यकाल जनवरी 2016 तक है।

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ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

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लखनऊ। आज यूनियन “ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन” की प्रेस कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड, लखनऊ स्थित एक होटल में आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु यूनियन द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रेस वार्ता हुई। यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पाण्डे ने पत्रकारों से बताया कि हम लगातार कई वर्षों से श्रमिकों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी का परिणाम ये है कि वित्त विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पुराने श्रमिकों के कार्य करने के कार्य दिवस के अनुसार उनको अवशेष वेतन का भुगतान का आश्वासन दिया गया जिसकी आगे की कार्यवाही दिनाँक 18 अक्टूबर से प्रारंभ की जाएगी साथ ही उप-श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा 9 अक्टूबर तक यूनियन से तक़रीबन 7 जिलों के 19 डिपो के श्रमिकों की सूची की मांग की गई है ताकि उस सूची पर आगे की कार्यवाही की जा सके।

राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पांडेया ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम उन गरीब श्रमिकों को उनका हक जिसमें न्यूनतम वेतन के अलावा हर वो सुविधा दिलाने की कोशिश कर रही है जो एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक होती है आज उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के श्रमिक भूखमरी के कगार पर हैं, उनका प्रति बोरी के हिसाब से 1.5 रुपये 2 रुपये दिया जाता है कोई बीमा नहीं है, कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है, वो बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा तक नहीं सकते, उत्तर प्रदेश भंडारण निगम में ठेकेदार लाल हैं और श्रमिक बेहाल। बस यूँ कहिए की वो किसी तरह जी रहे हैं। उन्होंने कहा ये लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक श्रमिकों को उनका हक ना मिल जाए।

इस अवसर पर यूनियन के उत्तर प्रदेश कमेटी के मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की गई, कमेटी में अध्यक्षा नीशू शुक्ला गिल, उपाध्यक्ष रोहिल कुमार, महामंत्री प्रवीण कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री राम रहीश, कार्यालय मंत्री विजय कुमार, प्रचार मंत्री राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष विवेक शर्मा, इन सभी को पदभार दिया गया।

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