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नेशनल

राष्ट्रपति ने फिर दी नसीहत, कहा- अल्पसंख्यकों के अधिकारों का करें सम्मान

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कोलकाता। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि अल्पसंख्यकों की संवेदनशीलता और अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने राष्ट्र में हर किसी के समावेश पर जोर दिया। यहां एशियाटिक सोसायटी में राष्ट्रपति ने ‘इंदिरा गांधी स्मृति व्याख्यान 2013’ के दौरान कहा, “हमें एक ऐसा वातावरण बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए, जहां हर समुदाय खुद को राष्ट्र का हिस्सा महसूस करे।”

राष्ट्रपति ने कहा, “हमें अपने सभी नागरिकों में व्यापक मानवीय दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें शिक्षित करना चाहिए, ताकि वे जाति व सांप्रदाय से ऊपर उठ सकें।” राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि हर नागरिक राष्ट्रीय हित की प्राथमिकता को समझे।

उन्होंने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि क्षेत्रीय हित, राष्ट्रीय हितों से आगे निकल जाते हैं। हमें ऐसी किसी भी प्रवृत्ति से सतर्क रहने और उन्हें पनपने देने से रोकने की आवश्यकता है।” उन्होंने धन और सेवाओं के वितरण में समानता की आवश्यकता पर बल देते हुए नागरिकों से लगातार राष्ट्र की उन्नति के लिए प्रयासरत रहने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “यदि भारत को विकास की चुनौतियों से पार पाना है और दुनिया में अपने लिए एक सम्मानजनक जगह बनानी है तो ता है तो यह आवश्यक है कि इसके सभी नागरिक उत्पादन बढ़ाने के लिए काम करें।”

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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