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नेशनल

वाराणसी मंडल में इंटरलॉक कार्य के चलते कुछ गाड़ियां निरस्त

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लखनऊ, 7 अक्टूबर 2017 (आईएएनएस/आईपीएन)। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के अंतर्गत हरदत्तपुर स्टेशन पर नौ से 12 अक्टूबर तक चलने वाले इंटरलॉक कार्य के कारण कुछ गाड़ियों का निरस्तीकरण, मार्ग परिवर्तन, शार्ट टर्मिनेशन/ओरिजनेशन एवं नियंत्रण करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि निरस्तीकरण के तहत नौ से 11 अक्टूबर तक 55127/55128 मंडुवाडीह-इलाहाबाद सिटी पैसेंजर ट्रेन रद्द रहेगी। वहीं, मार्ग परिवर्तन के तहत इस अवधि में लोकमान्य तिलक टर्मिनल से प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक-दरभंगा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग इलाहाबाद-प्रयाग-वाराणसी के रास्ते चलेगी।

यादव ने कहा, 11 अक्टूबर को सीतामढ़ी से प्रस्थान करने वाली 14005 सीतामढ़ी-आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग वाराणसी-प्रयाग-इलाहाबाद के रास्ते चलेगी।

उन्होंने बताया कि शार्ट टर्मिनेशन/ओरिजनेशन के तहत आठ से 10 अक्टूबर तक हावड़ा एवं इलाहाबाद सिटी से प्रस्थान करने वाली हावड़ा-इलाहाबाद-हावड़ा सिटी विभूति एक्सप्रेस वाराणसी स्टेशन पर टर्मिनेट होगी और यहीं से ओरिजनेट होगी। 11 अक्टूबर को 75105 मऊ-इलाहाबाद सिटी डेमू मंडुवाडीह स्टेशन पर टर्मिनेट होगी और 11 अक्टूबर को 75106 इलाहाबाद सिटी-मऊ डेमू मंडुवाडीह से ओरिजनेट होगी।

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इसी तरह नियंत्रण के तहत नौ अक्टूबर को 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनल-दरभंगा एक्सप्रेस लगभग 55 मिनट तथा 12791 सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस लगभग 35 मिनट नियंत्रित होगी। 11 अक्टूबर को 12792 दानापुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस लगभग 45 मिनट तथा 55129 मंडुवाडीह-इलाहाबाद सिटी पैसेंजर ट्रेन लगभग 45 मिनट नियंत्रित होगी।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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