नेशनल
विकास का मतलब कंक्रीट का जंगल खड़ा करना नहीं : योगी
लखनऊ, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को उप्र की पूर्ववर्ती सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विकास का मतलब सिर्फ कंक्रीट का जंगल खड़ा करना नहीं होता। वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर शनिवार को लखनऊ जू में आयोजित एक कार्यक्रम में योगी ने कहा, भारत के अंदर अवतारों की परंपरा को देखें तो समझ में आता है कि पर्यावरण और मनुष्य के बीच समन्वय जरूरी है। जिस क्षेत्र में प्राणी उद्यान है, वहां छात्रों को जरूर लाया जाना चाहिए, ताकि बच्चे जीव-जंतुओं को करीब से देखें, समझें। मनुष्य को केवल अपनी सुख-सुविधा के लिए जंगल और जीव-जंतुओं को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणी उद्यान के अलबम को सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों व स्टेशनों में लगाएं, जिसे देखकर लोग यहां आएंगे।
कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, कोई भी जीव-जंतु मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाता, जब तक उसे खुद खतरा न लगे। इस तरह के आयोजनों के जरिए हम वन्य प्राणियों के और नजदीक आएंगे।
वन विभाग को निर्देश देते हुए योगी ने कहा कि आपके पास अपार संभावनाएं हैं। इसका फायदा उठाते हुए प्रदेश का नाम देश और दुनिया में मजबूत करें।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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