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प्रादेशिक

नोएडा: ऑनलाइन आर्डर की आइसक्रीम में निकला कनखजूरा, महिला ने की कार्रवाई की मांग

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नोएडा। हाल ही में महाराष्ट्र में एक आइसक्रीम के कोन में इंसानी कटी उंगली मिलने का मामला सामने आया था। अब यूपी के नोएडा में एक महिला द्वारा ऑनलाइन मंगाई गई आइसक्रीम में कनखजूरा निकला है।

दीपा नाम की महिला ने अपने बच्चों के लिए ब्लिंकिट से ऑनलाइन अमूल की आइसक्रीम मंगाई थी। दीपा ने बताया कि जैसे ही उसने आइसक्रीम का डिब्बा खोला, उसमें से काला कनखजूरा निकला। इसकी जानकारी उन्होंने ब्लिंकिट को दी।

दीपा ने कहा कि ब्लिंकित ने हमारा 195 रुपये रिफंड कर दिया। ब्लिंकिट की ओर से कहा गया है कि उन्होंने अमूल को मेल कर दिया है। उनकी तरफ से फोन या मैसेज जरूर आएगा, लेकिन अमूल की तरफ से न फोन आया न ही मैसेज। अभी तक मैं इंतजार कर रही हूं, अगर अमूल की तरफ से मुझसे संपर्क नहीं किया गया, तो मैं इसकी शिकायत प्रशासन से करूंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही होने पर जिम्मेदार पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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