अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में व्हाट्सप्प पर महिला ने लिख दी ऐसी बात कि मिल गईं फांसी की सजा
पाकिस्तान से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक महिला को ईशनिंदा के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सऐप पर पैंगबर मोहम्मद के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया है। यह मामला थोड़ा पुराना है लेकिन हाल ही में चर्चा में तब आया जब महिला को वहां की एक कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। इस घटना के बाद पाकिस्तान में ईशनिंदा का मामला फिरसे चर्चा में आ गया है।
दरअसल, यह घटना पाकिस्तान के की रावलपिंडी कोर्ट से जुड़ी है। डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने शिकायतकर्ता फारूक हसनात की शिकायत पर बुधवार को यह फैसला सुनाया है। आरोपी महिला का नाम अनिका अतीक है और उस पर तीन आरोप सिद्ध पाए गए हैं। बताया गया कि महिला ने पैंगबर मोहम्मद साहब की अवमानना, इस्लाम का अपमान और साइबर कानूनों का उल्लंघन किया है।
महिला ने यह सब व्हाट्सऐप पर भेजे अपने एक संदेश में तब किया जब 2020 में अपने एक दोस्त फारूक को गुस्से में ईशनिंदा से भरे मैसेज भेज दिए थे। फारूक ने अनिका को मैसेज डिलीट करने और माफी मांगने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद फारूक ने अनिका के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने अनिका के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
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शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस
न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।
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