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मोदी सरकार ने राफेल सौदे में प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया : कपिल सिब्बल

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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल सौदे में प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। वर्ष 2015 में इस सौदे की घोषणा से पहले इसके बारे में विदेश मंत्रालय को भी जानकारी नहीं थी।

कपिल सिब्बल चाहते हैं कि सरकार लड़ाकू विमान की कीमत सहित देश के लोगों को सच बताए।

सिब्बल ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्रालय को सूचित किए बगैर 36 राफेल खरीदे। यहां तक कि दासॉल्ट के सीईओ को भी घोषणा के 15 दिन पहले तक पता नहीं था। वह सोचते थे कि सौदे का 95 फीसदी हिस्सा एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड) के साथ है, सिर्फ पांच फीसदी बचा हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस सौदे की घोषणा 10 अप्रैल, 2015 को करने के दो दिन पहले तक विदेश सचिव एस. जयशंकर को इस सौदे के बारे में जानकारी नहीं थी।

अपनी हाल में जारी किताब में ‘शेड्स ऑफ ट्रथ–जर्नी डिरेल्ड’ में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लड़ाकू विमान समझौते को रहस्यमय बताते हुए जिक्र किया है। मोदी ने तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भी विश्वास में नहीं लिया। उन्होंने अप्रैल 2015 में फ्रांस के दौरे के दौरान अचानक पहले से तैयार की गई 36 राफेल विमानों के खरीदे जाने की घोषणा कर दी।

मोदी के फ्रांस दौरे की पूर्व संध्या पर एक प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने मीडिया से कहा था कि एचएएल दासॉल्ट का एविएशन साझेदार है। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम सौदे के लिए तैयार है।

मोदी ने विदेश में सौदे की घोषणा कर देश की परंपरा को तोड़ दिया और एचएएल से इसे छीनकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। दासॉल्ट व एचएएल ने मार्च 2015 में सार्वजनिक रूप से 90 फीसदी सौदे के पूरे होने की घोषणा की और अप्रैल 2015 में उनके फ्रांस दौरे में इस सौदे को खत्म कर दिया गया।

सिब्बल अपनी किताब में कहते हैं, सरकार का एक पीएसयू के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करना आश्चर्यचकित करता है। मोदी ने एक सरकारी कंपनी के बजाय एक निजी कंपनी को तरजीह दी और इसका कारण वह अच्छी तरह से जानते हैं, मगर देश को बताते नहीं हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, अगला लोकसभा चुनाव हमें कई स्तरों पर लड़ना है। 2014 में विपक्षी दलों के वोट बंट गए थे, लेकिन अबकी बार सभी विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को हराएंगे।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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