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बिजनेस

सस्ते भारत दाल व आटा के बाद अब भारत चावल भी, जानें कहां मिलेगा और कितना होगा दाम   

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Bharat Brand Rice

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नई दिल्ली। पिछले कुछ महीने में चावल, दाल और आटे की कीमत खूब बढ़ी है। यह हालत तब हुई है जबकि सरकार ने गेहूं, गेहूं का आटा और सस्ते चावल के निर्यात पर पूरी तरह से बैन लगाया हुआ है। इसे देखते हुए सरकार ने सब्सिडी पर दाल (Bharat Dal) और आटे (Bharat Atta) की बिक्री शुरू की है। इन वस्तुओं की बिक्री भारत ब्रांड (Bharat Brand) से हो रही है।

अब इसी क्रम में भारत ब्रांड चावल (Bharat Rice) की बिक्री अगले मंगलवार यानी 6 फरवरी 2024 से देश भर में शुरू हो रही है। दिल्ली में इसकी प्रतीकात्मक बिक्री की शुरुआत केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल कर्तव्य पथ से कर सकते हैं।

100 गाड़ियों से शुरू होगी दिल्ली NCR में बिक्री

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से अगले मंगलवार को भारत चावल की बिक्री शुरू हो सकती है। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) को 50 मोबाइल वैन, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) को 30 मोबाइल वैन और केंद्रीय भंडार को 20 मोबाइल वैन तैयार रखने को कहा गया है। हर मोबाइल वैन में भारत चावल की पांच और दस किलो की बोरी होगी। इसे ग्राहक बिना कोई राशन कार्ड या पहचान पत्र के खरीद सकेंगे।

क्या होगी कीमत

NCCF के रीजनल ऑफिसर योगेंद्र प्रसाद सिंह ने बजट से पहले एनबीटी डिजिटल को बताया था कि सरकार ने भारत ब्रांड चावल को पांच किलो और 10 किलो की पैकिंग में बेचने को कहा है। इस चावल की अधिकतम खुदरा कीमत 29 रुपये किलो होगी।

हालांकि सरकार की तरफ से तीनों एजेंसियों को महज 18.59 रुपये प्रति किलो की दर से ही चावल मिलेगा लेकिन इसमें चावल की ग्रेडिंग, सोर्टिंग, हैंडलिंग, पैकिंग और 100 किलोमीटर के दायरे में ट्रांसपोर्टेशन का खर्च जोड़ा जाना है। चावल की बिक्री करने वाली एजेंसियों को हर किलो चावल पर तीन रुपये किलो का मार्जिन मिलेगा।

इस तरह से ग्राहकों को एक किलो चावल के लिए 29 रुपये का मूल्य चुकाना होगा। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह का चावल 29 रुपये किलो बेचा जाएगा, वह बाजार में कम से कम 45 रुपये किलो मिल रहा है।

कहां से आएगा चावल

सरकार ने भारत चावल के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) को पांच लाख टन चावल देने को कहा है। एफसीआई इन एजेंसियों को 24 रुपये किलो के दर पर चावल देगा। इस पर केंद्र सरकार के प्राइस स्टेबलाइजिंग फंड से 5.41 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।

यही नहीं, इन एजेंसियों को चावल FCI से उधारी पर मिलेगा। यानी गोदाम से चावल उठाने से पहले पेमेंट नहीं करना होगा। सरकार ने इन तीनों एजेंसियों को छूट दी है कि चावल उठान के 10 दिन के भीतर FCI को पेमेंट कर दिया जाए।

साल भर में 15 फीसदी महंगा हुआ है चावल

पिछले एक साल में चावल की रिटेल और होलसेल कीमतों में तक़रीबन 15 फीसदी का उछाल आया है। हालांकि इस समय सस्ते चावल की तमाम किस्मों के एक्सपोर्ट पर बैन है। इसके बावजूद घरेलू बाजार में सस्ते चावल की कीमतें बढ़ रही हैं। लिहाज़ा सरकार ने कीमतों पर कंट्रोल करने के लिए भारत चावल को बाज़ार में उतारने का फैसला लिया है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी बिकेगा भारत राइस

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि भारत चावल ई-कामर्स प्लेटफॉर्म पर भी बेचा जाएगा। अगले हफ्ते से यह ब्रैंड 5 और 10 किलो की पैकिंग में मिलने लगेगा। पहले चरण में सरकार ने 5 लाख टन चावल रिटेल मार्केट में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है।

उन्होंने बताया कि महंगाई के कंट्रोल में आने तक सरकार का एक्सपोर्ट बैन खत्म करने का कोई प्लान नहीं है। चावल के एक्सपोर्ट पर बैन फिलहाल जारी रहेगा।

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हर दिन 48 करोड़ रु, जानिए कौन हैं जगदीप सिंह जिन्हें सालभर में मिलती है 17,500 करोड़ रु की सैलरी

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नई दिल्ली। भारतीय मूल के जगदीप सिंह इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। वह ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने एक दिन में 48 करोड़ रुपये सैलरी पाकर इतिहास रच दिया है। वहीं साल भर में जगदीप सिंह 17,500 करोड़ रुपये सैलरी के रूप में कमाते है। ये अमाउंट कई बड़ी कंपनियों के सालाना टर्नओवर से भी ज्यादा है।

जगदीप सिंह भारतीय मूल के आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने 2010 में क्वांटमस्केप नाम की कंपनी की स्थापना की। यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरियों पर काम करती है। उनकी बैटरियों ने ईवी इंडस्ट्री में क्रांति ला दी है। चार्जिंग समय को कम करना और ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना, उनकी बैटरियों की सबसे बड़ी खासियत है। इनोवेशन के क्षेत्र में इस तरह के योगदान ने उन्हें वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई।

जगदीप सिंह की शिक्षा और अनुभव की बात करें तो उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बीटेक और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से एमबीए की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी नामी कंपनियों में काम किया और अपनी खुद की कंपनी भी शुरू की। उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने क्वांटमस्केप को न केवल एक सफल व्यवसाय बल्कि टेक्नोलॉजी इनोवेशन की नई परिभाषा बना दिया।

जगदीप सिंह की कंपनी, क्वांटमस्केप, 2020 में अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट हुई। निवेशकों का भारी समर्थन मिलने के कारण कंपनी का मूल्यांकन तेजी से बढ़ा। सिंह के सैलरी पैकेज में 2.3 बिलियन डॉलर के शेयर शामिल थे, जिससे उनकी सालाना आय 17,500 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई। यह सैलरी उन्हें न केवल इंडस्ट्री में सबसे अधिक वेतन पाने वाला व्यक्ति बनाती है, बल्कि उनके द्वारा किए गए काम की खासियत को भी दिखाती है।

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