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प्रादेशिक

भगोड़े गैंगस्टर छोटा शकील के साले आरिफ अबूबकर शेख उर्फ भाईजान की हार्ट अटैक से मौत

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मुंबई। भगोड़े गैंगस्टर छोटा शकील के साले आरिफ अबूबकर शेख उर्फ भाईजान की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरिफ का इलाज जेजे अस्पताल में चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आरिफ शेख को शुक्रवार को सांस लेने में अचानक से तकलीफ महसूस होने लगी। तबीयत बिगड़ता देख पुलिस उसे इलाज के लिए लेकर अस्पताल पहुंची। वहीं इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में आरिफ के रिश्तेदार का कहना है कि उसे किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं थी और अधिकारी हमें कुछ भी नहीं बता रहे हैं।

NIA ने 2022 में टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में शेख को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दाऊद इब्राहिम और छोट शकील सहित दाऊद गैंग के कई सदस्य शामिल हैं। शेख गिरफ्तारी के बाद आर्थर रोड जेल में बंद था और जेजे अस्पताल में ही उसका इलाज चल रहा था। बता दें कि जुलाई 2023 में ठाणे जिले से सटे मीरा रोड एरिया में शेख की प्रॉपर्टी को एनआईए ने जब्त कर लिया था।

कौन था शेख अबूबकर?

आरिफ अबूबकर शेख को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उस पर टेरर फंडिंग के अलावा हथियारो की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप थे। शेख और उसके भाई मोहम्मद सलीम कुरैशी को सलीम फ्रूट के नाम से भी जाना जाता है।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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