मुख्य समाचार
अर्पिता मुखर्जी का दावा- अपने फ्लैट में ही नहीं जा सकती थी, कुछ खास लोग ही जाते थे
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी ने ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ में बड़ा दावा करते हुए कहा कि उसे अपने फ्लैट में जाने की इजाजत नहीं थी। सूत्रों के अनुसार आज ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने कहा कि उसे अपने ही फ्लैट में जाने की अनुमति नहीं थी। जहां से भारी मात्रा में नकद राशि मिली है, उस फ्लैट में पार्थ चटर्जी या उनके कुछ खास लोग ही जाते थे।
सूत्रों के मुताबिक इस खुलासे के बाद अब ईडी पार्थ चटर्जी से इस संबंध में ईडी पूछताछ कर रही है। अगर दोनों की बातचीत में विरोधाभास हुआ तो ईडी दोनों के आमने-सामने बिठकर पूछताछ कर सकती है।
किसका है यह पैसा, सच बता दो: मिथुन
इस बीच भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि इन दोनों को सच बता देना चाहिए कि यह पैसा किसका है। वास्तव में यह पैसा किसी और का है। ये दोनों तो इसे संभाल रहे थे। उनको दोनों को सच बता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी में कहते हैं ना, हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे।
चटर्जी के पूर्व निजी सचिव सुकांत आचार्य तलब
मामले में ईडी ने आज उद्योग मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के पूर्व निजी सचिव (ओएसडी) सुकांत आचार्य को आज ही तलब कर लिया है। बता दें, अर्पिता के दो फ्लैटों पर मारे गए छापे में ईडी ने अब तक 53 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद राशि व सोना, डॉलर व अन्य सामग्री जब्त की है।
भाजपा की ‘चोर धरो, जेल भरो रैली’
इधर, कोलकाता में आज भाजपा ने ‘चोर धरो, जेल भरो’ रैली निकाली और चटर्जी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। रैली का नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने किया।
नेशनल
कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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