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आसाराम बापू को मिली राहत, 31 मार्च तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। आसाराम बापू को जमानत मिल गई है. मेडिकल ग्राउंड पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत 15 मार्च तक दी है. कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में स्वयंभू संत आसाराम को अंतरिम जमानत दी है. आसाराम यौन उत्पीड़न मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

अगस्त 2013 में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया था. जोधपुर की एक विशेष एससी/एसटी अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में स्वयंभू बाबा को दोषी ठहराया था. वह 31 अगस्त 2013 से जेल में हैं.

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को हार्ट के इलाज के लिए शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है। बता दें कि आसाराम अपने ही गुरुकुल की छात्रा से यौन दुराचार के मामले में जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे हैं। उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर ही अंतरिम जमानत मिली है।

आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से भगत की कोठी में बने आरोग्य चिकित्सा केंद्र में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज हो रहा है। आसाराम के वकील ने बताया कि वो दिल के मरीज हैं और उन्हें हार्ट अटैक आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर दी गई जमानत के समय पुलिसवालों की तैनाती के भी आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेगा और अपने अनुयायियों से नहीं मिलेगा।

आसाराम कर चुका है सजा को निलंबित करने की मांग

इससे पहले आसाराम 2013 के बलात्कार मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा उसे दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग कर चुका है और इसके लिए याचिका दाखिल कर चुका है।

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नेशनल

भारत में HMPV वायरस से पीड़ितों की संख्या हुई आठ, मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची मिली संक्रमित

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नई दिल्ली। चीन के बाद भारत में एमएमपीवी की दस्तक हो गई है। इससे चिंता बढ़ गई है। अब एक नया केस मुंबई में मिला है। मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में छह माह की बच्ची में HMPV वायरस से पीड़ित मिली है। इसे मिलाकर भारत में अब तक कुल आठ मामले सामने आ चुके हैं. बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में दो-दो और अहमदाबाद और मुंबई में HMPV के एक-एक मामले सामने आए हैं।

चीन में वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, जिससे लोग डर रहे हैं। कुछ लोग इसकी तुलना कोविड-19 से करने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार साल 2001 में इसकी पहचान हुई थी। वर्षों से दुनियाभर में फैल रहा है। चीन में HMPV के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। भारत की इस पर नजर है। मुंबई की जिस बच्ची में HMPV का मामला पाया गया है, वह महज छह माह की है। खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर 84 परसेंट से नीचे गिरने के कारण बच्ची को एक जनवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने रैपिड पीसीआर टेस्ट के जरिए पुष्टि की कि वह HMPV से संक्रमित है।

मामले में बीएमसी स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उन्हें मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने इन्फ्लूएंजा और गंभीर सांस की बीमारी की निगरानी बढ़ा दी है। HMPV बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन ये कोविड-19 जैसा नहीं होगा।

किनको HMPV वायरस से ज्यादा खतरा?

इस वायरस से खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों में ही गंभीर संक्रमण हो सकता है। ज्यादातर लोगों को खांसी-जुकाम जैसा लगता है, जो जल्द ठीक हो जाता है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकारें भी सतर्क रहें।

HMPV क्या है?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) सांस संबंधी बीमारी की वजह बनने वाले वायरस है। इस वायरस का पता पहली बार साल 2001 में चला था.इस वायरस का संबंध पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से है। यह ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है।

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