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पंजाब

सीएम भगवंत मान का बड़ा एलान, पंजाब पुलिस में जल्द होगी नई भर्ती

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के युवाओं के लिए बड़ा एलान किया है। सीएम भगवंत मान ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि पंजाब पुलिस में जल्द नई भर्तियां होने वाली हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2001 में पुलिस बल में कर्मचारियों की संख्या 80,000 थी और 2024 में भी यह 80,000 ही रही। इस दौरान जनसंख्या कितनी बढ़ी, हिंसा कितनी बढ़ी लेकिन पुलिस भर्ती नहीं बढ़ी, हम इसे 90000 तक ले गए, अब हम इसे सवा लाख तक लेकर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में पंजाब पुलिस में 10000 नई पोस्ट निकाली जा रही है।

इस संबंध में बकायदा मानसून सत्र में भी प्रस्ताव लाया जाएगा। इससे पंजाब के लड़के-लड़कियों को रोजगार मिलेगा। पुलिस बल में नई भर्तियां भी बढ़ेंगी, इससे अपराध भी कम होंगे। उन्होंने कहा कि आप बस मेहनत करो और टेस्ट पास करने के बाद पंजाब सरकार तुम्हें नौकरी देगी। इसके लिए न तो किसी सिफ़ारिश की ज़रूरत है और न ही रिश्वत की, सिर्फ मेहनत करो और आगे आओ।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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