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बिहार के लोगों को मिली बड़ी राहत, अब जमीन सर्वे के लिए खतियान जरूरी नहीं

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पटना। बिहार में जमीन सर्वे के लिए लोगों को कई तरह के कागजात की परेशानी से राहत मिल सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार अब सर्वे के लिए जमीन का खतियान देना जरूरी नहीं है.

इसी तरह गैर मजरुआ जमीन का सर्वे सरकार के नाम पर होगा। लेकिन, दखल-कब्जा वाले लोगों को वर्तमान समय में बेदखल नहीं किया जाएगा। सर्वे अधिकारियों के मुताबिक सर्वे के दौरान जमीन का नक्शा और दस्तावेज बनाना है। किसी को बेदखल नहीं करना है। जिसके नाम पर जमीन है उसका केवल साक्ष्य होना चाहिए। इसमें रसीद, खतियान आदि शामिल हैं।

सरकारी जमीन की जानकारी अंचलाधिकारी के द्वारा दी जाती है। ऐसी जमीनों का सर्वे सरकार के नाम पर किया जाएगा। राज्य के विभिन्न इलाकों में गैरमजरूआ आम, गैर मजरुआ मालिक, कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, भू-दान, भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा की भूमि, बंदोबस्ती पर्चा की भूमि, वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की भूमि का सर्वे सरकार के नाम पर होगा। इन जमीनों की जानकारी अंचलाधिकारियों से सर्वे कार्यालय के द्वारा मांगी गई है ताकि, कोई कब्जाधारी व्यक्ति सरकारी जमीन का सर्वे गलत दस्तावेज देकर अपने नाम पर नहीं करा सके।

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रद्द हो सकती है BPSC की परीक्षा : दिलीप जायसवाल

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पटना। BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में कई अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार सरकार पर हमलावर हैं। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हैं। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द हो सकती है।

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए दिलीप जायसवाल ने पूरे मामले को साफ करते हुए बताया कि सरकार ने अब तक परीक्षा रद्द नहीं करने पर अंतिम फैसला नहीं किया है। पूरे मामले की जांच चल रही है। अगर जांच में कुछ गड़बड़ी मिलती है तो परीक्षा रद्द की जायेगी। बिहार में मचे घमासान के बीच नीतीश सरकार के मंत्री ने साफ किया है कि सरकार ने अब तक ना नहीं कहा है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने राज्यपाल से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा था और यह आग्रह किया था कि हाई कोर्ट के जज की निगरानी में इसकी जांच करवाई जाए। बिहार सरकार के मंत्री की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताको हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया है।

दिलीप जायसवाल ने इस मसले पर विपक्षी पार्टियों को भी घेरा औऱ आरोप लगाया कि वो छात्रों के आंदोलन का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘विपक्ष विकास, रोजगार और अन्य किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं कर सकता है. इसलिए वो छात्रों के आंदोलन का इस्तेमाल खुद को स्थापित करनेके लिए कर रहे हैं।

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