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प्रादेशिक

मप्र में BJP ने तैयार किया मिशन 2024 का समीकरण, मोहन कैबिनेट में 23 लोकसभा सीटों का प्रतिनिधितत्व

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Mohan Yadav Cabinet Expansion

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भोपाल। मप्र में सोमवार को मोहन यादव कैबिनेट (Mohan Yadav Cabinet Expansion) का विस्तार हुआ। 28 नेताओं को मंत्री बनाया गया। 18 नेताओं को कैबिनेट मंत्री, 6 नेताओं को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 को राज्य मंत्री बनाया गया।

इस मंत्रिमंडल विस्तार में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की एक छवि भी दिखती है। राज्य के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से 23 का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हो गया है।

इन इलाकों से नहीं बनाया गया मंत्री

हालांकि, बालाघाट, छिंदवाड़ा, धार, गुना, खंडवा और खरगोन लोकसभा क्षेत्र से कोई मंत्री नहीं है। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी सात विधानसभा सीटों से कांग्रेस जीती थी। बात करें धार लोकसभा क्षेत्र की तो यहां आठ विधानसभा सीटें हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा और पांच पर कांग्रेस ने बाजी मार ली।

लोकसभा चुनाव के लिए जी-जान से जुटी पार्टी

मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही इस बात की पूरी उम्मीद थी कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय समीकरणों पर विशेष ध्यान देगी। केंद्रीय नेतृत्व से भी इसी तरह के निर्देश मिलने की बात सामने आ रही थी।

जो उम्मीद है तकरीबन वैसा ही हुआ। अब मंत्री बनाए गए नेताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जी-जान से जुटना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को प्रदेश के जनता द्वारा किए गए वादों को पूरा करे।

किस अंचल का कितना प्रतिनिधित्व

ग्वालियर-चंबल-6

बुंदेलखंड – 3

विंध्य -4

महाकोशल – 3

मध्य भारत – 8

मालवा-निमाड़ – 9

भाजपा का जातीय समीकरण का दांव

मप्र सरकार में एक तरफ जहां OBC से ताल्लुक रखने वाले डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया। वहीं, एक अनुसूचित जाति और एक अनारक्षित नेता को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके अलावा, 13 OBC, पांच SC और पांच ST (इनमें पांच महिला शामिल हैं) को मंत्री बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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