उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने किया वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण
बांदा/लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर बांदा पहुंचे। यहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार पर वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी दुर्गावती भारतीय इतिहास की एक महान योद्धा थीं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह प्रतिमा उनकी वीरता और त्याग की याद दिलाती रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने यहां भाजपा नेताओं से बातचीत में कहा कि बांदा में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। बहुत जल्द वो दोबारा बांदा आएंगे साथ ही यहां कई योजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों को गुणवत्ता पूर्ण एवं समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिले के ग्राम महुआ में तेलंगाना बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के पैतृक आवास पहुंच कर उनकी दिवंगत माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और परिजनों को ढांढस बंधाया।
इस दौरान प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, विधायक सदर प्रकाश द्विवेदी, विधायक नरैनी ओम मणि वर्मा, जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी संजय सिंह, आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा बाल कृष्ण त्रिपाठी, जिलाधिकारी बांदा नगेंद्र प्रताप, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित रहे।
भारतीय इतिहास की महान योद्धा थीं वीरांगना दुर्गावती
महान वीरांगना रानी दुर्गावती का जन्म 1524 में मंडला, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह की पुत्रवधू थीं। रानी दुर्गावती ने अपने पति राजा दलपत शाह की मृत्यु के बाद राज्य की बागडोर संभाली और अपने शासनकाल में गोंड साम्राज्य को समृद्ध और शक्तिशाली बनाया। मुगल सम्राट अकबर के सेनापति आसफ खान ने जब उनके राज्य पर हमला किया, तो रानी दुर्गावती ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी सेना का नेतृत्व किया। 1564 में हुए युद्ध में उन्होंने दुश्मनों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंततः पराजय के कगार पर पहुंचने के बाद उन्होंने आत्मसमर्पण के बजाय वीरगति को चुना। उनकी कहानी शौर्य, बलिदान और स्वाभिमान का प्रतीक है, जो आज भी लोगों को प्रेरणा देती है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स
महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।
प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर
महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।
6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।
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