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पंजाब

सीएम भगवंत मान ने गुरदासपुर में रेलवे ओवरब्रिज का किया उद्घाटन

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चंडीगढ़। दीनानगर में यातायात को सुचारू बनाने के लिए सीएम भगवंत सिंह मान ने सोमवार को दीनानगर रेलवे स्टेशन के पास अमृतसर-पठानकोट रेलवे सेक्शन पर बना रेलवे ओवरब्रिज लोगों को समर्पित किया। 51.74 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह रेलवे ब्रिज शहर के लोगों के लिए बड़ा तोहफा है।

इसका निर्माण अमृतसर-पठानकोट रेलवे सेक्शन पर सी-60 लेवल क्रासिंग पर किया गया है। इसमें रेलवे वाले हिस्से से जुड़ती सड़कों का काम भी शामिल है, जिस पर पूरा पैसा प्रदेश सरकार ने खर्च किया है। 7.30 मीटर लंबा और 10.5 मीटर चौड़ा यह प्रोजेक्ट साल 2019 में शुरू हुआ था।

रेलवे ओवरब्रिज के दोनों तरफ 0.75 मीटर चौड़े फुटपाथ का निर्माण किया गया और दोनों तरफ सर्विस रोड पर हाइवे लाइट्स लगाई गई हैं। ब्रिज के नीचे पेवर टायलों के साथ पार्किंग का निर्माण किया गया है। शहर के लोगों के लिए यह प्रोजेक्ट बहुत अहम है, जिससे यातायात को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी।

रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण से अमृतसर-पठानकोट रेलवे लाइन पर सी-6द लेवल क्रासिंग खत्म हो जाएगी। इससे सीमावर्ती गांवों से दीनानगर आने वाले लोगों को निर्बाध यातायात की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा यह ब्रिज सेना की गतिविधियों के लिए भी रणनीतिक रूट बनेगा, जिससे देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रखवाली में आसानी होगी।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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