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पंजाब

सीएम भगवंत मान ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह से फोन पर की बात, क्वार्टर फाइनल के लिए दीं शुभकामनाएं

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को फोन करके पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल मैच के लिए शुभकामनाएं दी। फोन पर बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि वे पेरिस जाकर भारतीय हॉकी टीम का हौसला बढ़ाना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश इसकी अनुमति नहीं मिली।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राजनीतिक कारणों से उनको मंजूरी देने इनकार कर दिया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे मैच के दौरान भारतीय हॉकी टीम के साथ रहना चाहते थे, लेकिन अब उन्हें टीवी स्क्रीन पर लाइव देखना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही मुझे अनुमति देने से इनकार किया गया है, लेकिन पूरा देश और खासतौर पर पंजाब इस मैच के दौरान हॉकी के नायकों के साथ होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर सफलता की नई कहानी लिखेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूरा देश इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पदक लेकर घर लौटने वाली हॉकी टीम का भव्य स्वागत किया जाएगा।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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