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‘मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत..’, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के एलान पर लगा बधाइयों का तांता

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Bharat Ratna to Lal Krishna Advani

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नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को केंद्र सरकार भारत रत्न से सम्मानित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित तमाम बड़े नेताओं की ओर से बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है।

हम सबके प्रेरणास्रोत: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘हम सबके प्रेरणास्रोत एवं देश के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले से बड़े हर्ष और आनंद की अनुभूति हुई है। वे राजनीति में शुचिता, समर्पण और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। आडवाणीजी ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में अनेक भूमिकाओं में, देश के विकास और राष्ट्रनिर्माण में जो महत्वपूर्ण योगदान किया है, वह अविस्मरणीय और प्रेरणास्पद है।’

उन्होंने आगे कहा, भारत की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने में भी उनकी महती भूमिका रही है। एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उन्होंने अपनी विद्वता, संसदीय एवं प्रशासनिक क्षमता से देश और लोकतंत्र को मजबूत किया है। उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिलना हर भारतवासी के लिए हर्ष का विषय है। मैं इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं और आडवाणी का अभिनंदन करता हूं।

आडवाणी राजनीति में शुचिता के जीवंत उदाहरण: नितिन गडकरी

वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘देश के वरिष्ठतम नेता और हमारे मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न की घोषणा अत्यंत सुखद और आनंददाई है। आजादी के बाद देश के पुनर्निर्माण में आडवाणी की अहम भूमिका रही है।

आडवाणी राजनीति में शुचिता के जीवंत उदाहरण हैं। आडवाणी को ‘भारत रत्न’ घोषित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं तथा आडवाणी के स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करता हूं।’

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा, सार्वजनिक जीवन में आडवाणी की दशकों से लंबी सेवा को पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रति अटूट निष्ठा के रूप में देखा जाता है। जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है।

उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए एक बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

आडवाणी ने भारत के भविष्य की नींव रखी: शिवराज सिंह चौहान

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी एक्स पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने लिखा, आज हृदय अत्यंत प्रसन्न है। भारत सरकार ने हम सभी के मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

लालकृष्ण आडवाणी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र तथा समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। अपने राजनीतिक कौशल, प्रशासकीय अनुभव और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से आडवाणी ने भारत के भविष्य की नींव रखी और राष्ट्र निर्माण में जुटे रहे।

हम सभी के लिए उनकी तपस्या, त्याग, संघर्ष और समर्पण प्रेरणा का अमृत पुंज है। लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर प्रधानमंत्री मोदी ने करोड़ों देशवासियों को मान दिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री जी तथा भारत सरकार का अभिनंदन!

भाजपा का एजेंडा पूरा हो रहा, आडवाणी को बधाई: के कविता

BRS की नेता के.कविता ने कहा, “यह अच्छी बात  है कि राम मंदिर भी बन गया, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न भी मिल रहा है। भाजपा का एजेंडा पूरा होते हुए नजर आ रहा है, मैं लालकृष्ण आडवाणी को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।”

भाजपा और पीएम ने बहुत देर में सोचा: संदीप दीक्षित

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने बधाई देते हुए कहा, भाजपा और पीएम मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी के बारे में बहुत देर से सोचा। वह अपनी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं। भाजपा आज जिस स्थिति में है, उसकी नींव लालकृष्ण आडवाणी ने रखी थी। जिस तरह से भाजपा ने उनके साथ व्यवहार किया, वह अच्छा नहीं था। लेकिन, अब जब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है, तो उन्हें शुभकामनाएं।

हम राष्ट्रवादियों को आडवाणी ने दी पहचान: माणिक साहा

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा, देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह देश के लिए गर्व का विषय है। आडवाणी के व्यक्तित्व की विराटता को जानने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अनिवार्य है। वह हर उस संघर्ष के सहभागी रहे हैं, जिसने हम राष्ट्रवादियों को पहचान दी है। त्रिपुरावासियों की ओर से बधाई और शुभकामनाएं।

राम मंदिर के लिए सदैव याद रखा जाएगा: देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने बधाई देते हुए लिखा, हमारे प्रेरणास्थान, मार्गदर्शक, वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के लिए भारत रत्न घोषि होने पर हार्दिक शुभकामनाएं। देश के विकास में आपका योगदान अविस्मरणीय है। हम सबकी सांस्कृतिक धरोहर प्रभु श्रीराम मंदिर आंदोलन के लिए आपका संघर्ष सदैव याद रखा जाएगा। आपका संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा और हम सबके लिए आप प्रेरणास्त्रोत हैं।

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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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