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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में तेजी से हो रहा पांटून पुलों का निर्माण

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प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ 2025 के लिए पांटून पुलों का निर्माण जोरों पर है। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व निर्धारित समयसीमा के अंदर सभी पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है। फिलहाल 5 पांटून पुलों को क्रियाशील कर दिया गया है, जबकि 10 दिसंबर तक कुल 19 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। शेष 11 पुलों के निर्माण कार्य में ड्रेजिंग का काम पूरा होने के बाद तेजी आएगी।

3 दिसंबर तक 9 पुल होंगे क्रियाशील

प्रयागराज पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर ए.के. द्विवेदी ने बताया कि सभी पुलों का निर्माण कार्य तय समय के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह पुल निर्माण परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि अब तक 5 पांटून पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इन्हें आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया है। 3 दिसंबर तक इन 5 पुलों को मिलकर कुल 9 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के आगमन तक कुल 19 पांटून पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और सभी पुल पूरी तरह से संचालित होने लगेंगे। शेष 11 पांटून पुलों का निर्माण कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अनुसार, ड्रेजिंग का काम पूरा होते ही शेष 11 पुलों के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर किया जाएगा।

शुरू हुआ आवागमन

वर्तमान में हरिश्चंद्र, ओल्ड जीटी उत्तरी, चक्र माधव, गांगुली शिवाला रोड और रेल से झूसी पुलों को लोगों की सुविधा के लिए क्रियाशील कर दिया गया है। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ साथ साधु संत और प्रशासनिक अधिकारियों का आवागमन शुरू हो गया है। ये पुल प्रयागराज में यातायात और अखाड़ों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह झूसी में बनने वाले अखाड़े को परेड क्षेत्र से जोड़ेंगे, जिससे महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।

5 टन तक का उठा सकते हैं भार

इस बार महाकुम्भ के लिए कुल 30 पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इन पांटून पुलों को 5 टन तक के भारी भार को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पुलों की मजबूती और सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है। हर पुल को कई परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजारने के बाद ही संचालित करने की अनुमति दी जाती है। यह पुल इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि इस पर एक बार में अनगिनत लोग रास्ता पार कर सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में स्वास्थ्य विभाग का दस्ता लगातार करें भ्रमण, पूछे लोगों का हाल, जरूरत हो तो उपचार कराए: मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठंड के मौसम में आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, कि पूरे प्रदेश में तेज ठंड का मौसम है। शीतलहर चल रही है। यह समय बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरतने वाले है।

सर्दी, खांसी, श्वांस से जुड़े मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी संभावित है। ऐसे में स्वास्थ्य तंत्र को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए। जांच हो या दवाओं की उपलब्धता, सब कुछ चाक-चौबंद हो। आम आदमी को परेशान न होना पड़े।

महाकुम्भ में तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सेक्टरों में इलाज के पुख्ता इंतजाम हों। एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहे। सर्दी, खांसी, बुखार जैसी मौसमी समस्या हो अथवा कोई अन्य गंभीर बीमारी, सभी को समुचित चिकित्सकीय सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी सेक्टरों में सतत भ्रमण करे और लोगों का हाल-चाल ले, जरूरत हो तो उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता दिलाई जाए।

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