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नोटिस देने केजरीवाल के घर आज फिर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, विधायक खरीदने के आरोपों की होगी जांच
नई दिल्ली। भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम आज भी सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर नोटिस देने पहुंची है। इससे पहले क्राइम ब्रांच की टीम कल भी नोटिस देने के लिए केजरीवाल के घर पहुंचे थे।
दिल्ली पुलिस कल मुख्यमंत्री को ही नोटिस देने वाली थी, लेकिन मुख्यमंत्री सामने नहीं आए और अधिकारी नोटिस लेने की जिद करने लगे। इसलिए दिल्ली पुलिस की टीम वापस आ गई थी। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम आज फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस देने पहुंचे हैं। दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नोटिस मुख्यमंत्री को ही दिया जाएगा।
कल आतिशी के घर भी पहुंची थी क्राइम ब्रांच की टीम
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार शाम दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी के सरकारी आवास पर भी नोटिस देने पहुंची थी। आतिशी के चंडीगढ़ में होने के कारण पुलिस उन्हें भी नोटिस नहीं दे पाई। शनिवार को फिर पुलिस नोटिस देने पहुंच सकती है।
नोटिस में पुलिस ने दोनों से भाजपा पर लगाए गए आरोपों के साक्ष्य सहित अन्य जानकारी मांगी है। साथ ही जांच में शामिल होने के लिए कहा है। केजरीवाल व आतिशी ने आरोप लगाया था कि उनके सात विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने 25-25 करोड़ रुपये का लालच दिया था।
यह था मामला
27 जनवरी को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है और साथ ही पार्टी का टिकट देने का भी लालच दिया है।
केजरीवाल ने एक्स पर दी थी जानकारी
केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के सात एमएलए को संपर्क कर कहा है – “कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उसके बाद एमएलए को तोड़ेंगे। 21 एमएलए से बात हो गई है औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे।
हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक सात MLA को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया। इसका मतलब किसी शराब घोटाले की जांच के लिए मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा बल्कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं।
पिछले नौ सालों में हमारी सरकार गिराने के लिए इन्होंने कई षड्यंत्र किए लेकिन इन्हें कोई सफलता नहीं मिली। भगवान ने और जनता ने हमेशा हमारा साथ दिया। हमारे सभी MLA भी मजबूती से साथ हैं। इस बार भी ये लोग अपने नापाक इरादों में फेल होंगे।
ये लोग जानते हैं कि दिल्ली की जनता के लिए हमारी सरकार ने कितने काम किए हैं। इनकी पैदा की गई तमाम अड़चनों के बावजूद हमने इतने काम किए हैं। दिल्ली की जनता “आप” से बेइंतहा प्यार करती है। इसलिए चुनावों में “आप” को हराना इनके बस की बात नहीं। तो एक फर्ज़ी शराब घोटाले के बहाने गिरफ़्तार करके सरकार गिराना चाहते हैं।
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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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