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उत्तर प्रदेश

प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए विशेषज्ञ करेंगे मंथन

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लखनऊ| योगी सरकार उत्तर प्रदेश में आपदाओं से निपटने और इससे होने वाली जनहानि एवं धनहानि को कम करने के लिए प्रयासरत है। इसको लेकर योगी सरकार लगातार निर्णय भी ले रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप सोमवार 4 मार्च को आईजीपी (इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान) में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रयाेग से सूखे की निगरानी, न्यूनीकरण और उच्च प्रबंधन के लिए ‘टेक्नोलॉजी फॉर ड्रॉट’ पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय काॅन्फ्रेंस का अायोजन किया जाएगा। यह आयोजन राहत विभाग द्वारा आईआईटी कानुपर के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के रूप में प्रदेश और देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान, शोध संस्थान, तकनीकी विश्विविद्यालय के साथ-साथ संबंधित विभागों के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।

सूखे की समस्या पर होगी चर्चा

प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में आपदाओं से निपटने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में हाल ही में आईआईएम लखनऊ के एक्सपर्ट द्वारा प्रदेश के एडीएम एफआर को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया था। साथ ही अापदाअों से निपटने, सतर्क रहने और तैयारी करने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग और जनहानि को कम करने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट में विशेषज्ञ संस्थानाें के साथ एमओयू किया गया है, जो प्रशिक्षण देने के साथ आपदा के समय विभाग की मदद भी करेंगे। इसी के तहत गर्मी के मौसम होने वाली सूखे की समस्या से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी फॉर ड्रॉट विषय पर राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि और समापन सत्र की अध्यक्षता मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र करेंगे।

तीन सत्र में सूखे से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर मंथन करेंगे दिग्गज

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस को तीन सत्रों में विभाजित किया गया है। पहले सत्र में टेक्नोलॉजी फॉर ड्रॉट मॉनीटरिंग विषय पर एनडीएमए के सदस्य कृष्ण एस वत्स, यूपीएसडीएमए के वीसी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, आईसीआरआईएसएटी के ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम डॉ. एमएल जाट समेत अन्य विशेषज्ञ अपने सुझाव देंगे। वहीं दूसरे सत्र में टेक्नोलॉजी फॉर ड्रॉट मिटीगेशन विषय पर आईसीआरआईएसएटी हैदराबाद के पीएस और क्लस्टर लीड डॉ. रमेश सिंह, आईसीएआर-सीएएफआरआई झांसी के डॉ. आशाराम और उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के डॉयरेक्ट जितेंद्र तोमर समेत अन्य अपनी राय रखेंगे। इसी तरह दूसरे सत्र में टेक्नोलॉजी फॉर ड्रॉट मैनेजमेंट विषय के विभिन्न पहलुआें पर उत्तर प्रदेश फॉरेस्ट इंवायरमेंट एंड क्लाइमेट के सेक्रेटरी आशीष तिवारी, आईसीएआर-आईजीएफआरआई झांसी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट एंड हेड डॉ. पी शर्मा समेत अन्य दिग्गज चर्चा करेंगे। वहीं कॉन्फ्रेंस के समापन पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र मौजूद रहेंगे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में स्वास्थ्य विभाग का दस्ता लगातार करें भ्रमण, पूछे लोगों का हाल, जरूरत हो तो उपचार कराए: मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठंड के मौसम में आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, कि पूरे प्रदेश में तेज ठंड का मौसम है। शीतलहर चल रही है। यह समय बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरतने वाले है।

सर्दी, खांसी, श्वांस से जुड़े मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी संभावित है। ऐसे में स्वास्थ्य तंत्र को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए। जांच हो या दवाओं की उपलब्धता, सब कुछ चाक-चौबंद हो। आम आदमी को परेशान न होना पड़े।

महाकुम्भ में तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सेक्टरों में इलाज के पुख्ता इंतजाम हों। एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहे। सर्दी, खांसी, बुखार जैसी मौसमी समस्या हो अथवा कोई अन्य गंभीर बीमारी, सभी को समुचित चिकित्सकीय सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी सेक्टरों में सतत भ्रमण करे और लोगों का हाल-चाल ले, जरूरत हो तो उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता दिलाई जाए।

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