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नेशनल

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को स्वर्ण मंदिर में शौचालय और गंदे बर्तन साफ ​​करने होंगे, जानें क्या है मामला ?

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पंजाब। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने धार्मिक कदाचार के मामले में सजा सुनाई है। अकाल तख्त के आदेश के मुताबिक, उन्हें स्वर्ण मंदिर में शौचालय और गंदे बर्तन साफ ​​करने होंगे। यह फैसला अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफ करने के मामले में खुद की संलिप्तता स्वीकार करने के बाद आया है।

क्या-क्या मिली सजा, क्या करना होगा काम?

सजा के तहत सुखबीर बादल के पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि वापस ले ली जाएगी।

सुखबीर बादल और सुखदेव ढिंढसा को एक घंटे तक बर्तनों और जूतों की सफाई करने के साथ-साथ ‘कीर्तन’ सुनने का भी आदेश दिया गया है।

जत्थेदार ने अन्य अकाली नेताओं जैसे सुचा सिंह लांगा, हीरा सिंह गैब्रिया, बलविंदर सिंह भुंदर, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह को स्वर्ण मंदिर में एक घंटे तक बाथरूम की सफाई करने और इसके बाद गुरु का लंगर सेवा में बर्तनों की सफाई करने का निर्देश दिया गया है।

इन नेताओं को एक घंटे तक कीर्तन सुनने का आदेश भी दिया गया है।

अकाली नेताओं जैसे बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रेखड़ा, बिक्रम सिंह मजीठिया, महेश इंदर सिंह ग्रीनवाल, चरणजीत सिंह अटवाल और आदेश प्रताप सिंह कैरों को भी स्वर्ण मंदिर में बाथरूम की सफाई करने के लिए कहा गया है।

धार्मिक कदाचार के आरोप दो महीने पहले सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने ‘तन्खैया’ यानी धार्मिक दुराचार का दोषी घोषित किया था। यह घोषणा अकाल तख्त पर पांच सिंह साहिबानों की बैठक के बाद की गई। बैठक में बादल और शिरोमणि अकाली दल सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ आरोपों पर चर्चा की गई। ये आरोप उनके कार्यकाल के दौरान की गई कार्रवाइयों से जुड़े हैं, खास तौर पर डेरा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के मामले में। इस माफ़ी से धार्मिक हलकों में काफ़ी विवाद और विरोध हुआ था।

 

 

 

 

नेशनल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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