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पंजाब

पंजाब के निवासियों की हर ज़रूरत को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा

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चंडीगढ़। पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत, हम विधानसभा क्षेत्र सुनाम के निवासियों की हर ज़रूरत को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध और लगन से समर्पित हैं। अमन अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि गांवों में उनके समय-समय पर दौरे के दौरान जो निवासी उन्हें रहने के लिए बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बारे में बताते हैं, उन सुविधाओं को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।

इसी श्रृंखला के तहत गांवों में रहने के लिए बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 29 गांवों में करीब 50 ऐसे काम शुरू किए गए हैं। जिनकी लोगों को बुनियादी सुविधाओं के तौर पर बहुत जरूरत है। अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार का मुख्य एजेंडा पंजाब का सर्वांगीण विकास करना है । इस एजेंडे को हलका सुनाम में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा हलका सुनाम के अंतर्गत आने वाले ब्लॉक भवानीगढ़ के 3 गांव, संगरूर ब्लॉक के 13 गांव और सुनाम ब्लॉक के 13 गांवों में ये विकास कार्य शुरू किए गए हैं, जो अगले एक महीने में पूरे हो जाएंगे

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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