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IMD forecast: इस बार कैसा रहेगा मॉनसून? आईएमडी ने जून से सितंबर के लिए जारी किया अपना पूर्वानुमान

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून 2022 को लेकर बड़ी जानकारी दी है। यह जानकारी आम लोगों से लेकर किसानों तक के लिए राहत की खबर है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है। यह बारिश 1971-2020 की अवधि के 87 सेमी की लंबी अवधि के औसत (LPA) का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत होगी। इससे पहले, मौसम विभाग ने 1961-2010 की अवधि के दौरान 88 सेमी बारिश की भविष्यवाणी की थी। इस बार जून से सितंबर के दौरान 868.6 मिमी होगी जबकि पहले यह 880.6 मिमी थी। यानी माने तो बारिस इस बार सही समय पर होगी।

प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य या उससे अधिक बारिश होने की संभावना

प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग, मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। IMD के अनुसार, मॉनसून के साथ-साथ बारिश पर ला नीना का असर भी दिखेगा।

पूर्वोत्तर भारत का हाल

पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। बता दें कि 2021 में, जून से सितंबर तक चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान देश में सामान्य” वर्षा हुई। यह लगातार तीसरा वर्ष था जब देश में सामान्य या सामान्य से ऊपर की श्रेणी में बारिश दर्ज की गई। 2019 और 2020 में बारिश सामान्य से अधिक रही।

दिल्ली में 26-27 जून तक मानसून की संभावना

मौसम की जानकारी देने वाली एजेंसी स्काईमेट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामान्य तौर पर मानसून 26 से 27 जून तक पहुचने की संभावना है। राजधानी में मानसून जुलाई में तेजी पकड़ेगा।

नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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