उत्तर प्रदेश
निवेशकों को भायी योगी सरकार, तो खड़ी होने लगी उद्योगों की कतार
गोरखपुर,। माहौल बदलने का असर क्या होता है, इसकी एक नजीर गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) में देखने को मिलती है। योगी सरकार की कानून व्यवस्था और इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियां ऐसी भायी हैं कि जिस गीडा क्षेत्र में निवेश करने से निवेशक कतराते थे, वहां उद्योगों की कतार खड़ी होने लगी है। बीते पांच सालों में गीडा द्वारा 297 एकड़ क्षेत्रफल में 333 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन इसका प्रमाण है। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए गीडा के स्थापना दिवस पर 30 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी के 67 एकड़ के कुल 85 नए भूखंडों का आवंटन होने जा रहा है। इनमें से पांच बड़े निवेशकों को भूमि आवंटन का प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री अपने हाथों से सौंपेंगे।
लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा गीडा क्षेत्र आज प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर चमक गया है। इस चमक में बीत पांच-सात सालों का सफर बेहद सुहाना है। गीडा की स्थापना तो 35 साल पहले हुई थी लेकिन औद्योगिक प्रगति का माहौल बनना शुरू हुआ 2017 से जब योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने। 2017 के पहले तक लचर कानून व्यवस्था, सुविधाओं के घोर अभाव और सरकारों के उदासीन रवैये से गीडा में निवेश, दूर की कौड़ी लगती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी देने का अनवरत ऐलान किया, इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनाईं तो गीडा भी निवेश के लिए लिए बेहतरीन गंतव्य बन गया है। पहले जहां सालों कोई मुख्यमंत्री गीडा झांकने तक नहीं आता था, वहीं सीएम योगी हर साल कई बार गीडा आकर उद्यमियों को प्रोत्साहित कर चुके हैं।
गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गीडा तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर है। विभिन्न सेक्टरों में विगत पांच सालों से 297 एकड़ क्षेत्रफल में 333 भूखंड आवंटित किए गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 67 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है। इसके सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में आवंटित 85 भूखंडों का आवंटन प्रमाण पत्र गीडा के स्थापना दिवस समारोह में 30 नवंबर को वितरित किया जाएगा। इससे 1068 करोड़ रुपये का निवेश आने और करीब 4658 लोगों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है।
इस साल के पांच बड़े आवंटी और उनके द्वारा किया जाने वाला निवेश
निवेशक प्रस्तावित निवेश
एपीएल अपोलो ट्यूब्स 320 करोड़ रुपये
ग्रीनटेक भारत 220 करोड़ रुपये
वेराधार ओक एंड स्पिरिट्स 80 करोड़ रुपये
एसेन कूलर्स 62 करोड़ रुपये
वीआरएस फूड्स 52 करोड़ रुपये
बीते कुछ सालों में सीएम के हाथों प्रमुख उद्योगों के लोकार्पण/शिलान्यास
-550 करोड़ रुपये के निवेश वाले अंकुर उद्योग के सरिया प्लांट का लोकार्पण
-1100 करोड़ रुपये के निवेश वाली पेप्सिको जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिट का लोकार्पण
-118 करोड़ रुपये के निवेश वाली ज्ञान डेयरी की यूनिट का लोकार्पण
-जल जीवन मिशन में सप्लाई देने वाली तत्वा प्लास्टिक की 110 करोड़ रुपये निवेश वाली पाइप फैक्ट्री का लोकार्पण
-1200 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली केयान डिस्टलरी के एथेनॉल व डिस्टलरी प्लांट का शिलान्यास
उत्तर प्रदेश
बालिकाओं को ताजे मौसमी फल और दूध मुहैया कराने की तैयारी में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। योगी सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत छात्राओं के पोषण और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्राओं को ताजे मौसमी फल, दूध और अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य छात्राओं के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करना है। इस पहल से न केवल बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव पड़ेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने में भी मदद मिलेगी। यह पहल उनके शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ-साथ उन्हें समाज में एक मजबूत और सशक्त भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी।
टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए सभी निविदाएं समाचार पत्रों और एनआईसी पोर्टल पर प्रकाशित की जाएंगी। प्रक्रिया को 28 फरवरी 2025 तक पूरा कर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
जेम पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य खरीदारी
सरकार ने दैनिक उपभोग और शिक्षण सामग्री की खरीद के लिए जेम (GeM) पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया है। यह कदम क्रय प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करेगा। विशेष रूप से, छात्राओं को पराग, अमूल, ज्ञान और मदर डेयरी जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स से दूध उपलब्ध कराया जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर और वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि यदि आपूर्ति की गई सामग्री मानक के अनुरूप नहीं पाई जाती है, तो संबंधित फर्म की धरोहर राशि जब्त कर उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी समिति
सामग्री की गुणवत्ता की जांच और निगरानी के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति नियमित रूप से आपूर्ति की गई सामग्री की गुणवत्ता का निरीक्षण करेगी। आपूर्ति की गई सामग्री के नमूने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संबंधित विद्यालयों में संरक्षित किए जाएंगे।
समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार
सरकार का यह प्रयास केवल पोषण तक सीमित नहीं है। छात्राओं की शैक्षणिक सामग्री और अन्य आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता दी गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर छात्रा को समुचित शिक्षण सामग्री, पोषण और अन्य सुविधाएं समय पर और बिना किसी रुकावट के प्राप्त हों।
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