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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : महाकुंभ के पूर्व एक और महाकुंभ के साक्षी बने कालिंदी के तट

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प्रयागराज। प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ के पूर्व कुंभ नगरी में एक और महाकुंभ की झलक देखने को मिली। यमुना के तट पर कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें सवा लाख दीयों की रोशनी से कालिंदी के घाट नहा गए। अखाड़ों की तरफ से यहां प्रयागराज महाकुंभ को सकुशल संपन्न कराने की कामना भी की गई।

कालिंदी का तट बना प्रकाश महाकुंभ का साक्षी

देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर कुंभ नगरी प्रयागराज में कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया । श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षण वाली श्री दत्तात्रेय सेवा समिति की अगुवाई में यह आयोजन किया गया जिसमें सभी अखाड़ों के साधु संतों और कुंभ मेला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस अवसर पर जूना अखाड़े के मौज गिरि घाट पर सवा लाख दीप जलाए गए। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरी का कहना है कि महाकुंभ के पूर्व देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या के पावन अवसर पर मां कालिंदी के तट पर सवा लाख मिट्टी के दीए जलाए गए। सवा लाख दीयों का दीपदान भी यमुना में किया गया। सभी प्रमुख अखाड़ों से आए संतों और स्थानीय नागरिकों ने जनवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ के सकुशल संपन्न होने की कामना भी भी यमुना मां से की ।

साधु संतो ने महाकुंभ के भव्य आयोजन की तैयारियों पर जाहिर की खुशी

महोत्सव का आरंभ कालिंदी के तट पर बनाए गए श्री मौज गिरी के भव्य घाट में दीयों की श्रृंखला बनाने से हुआ। प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से इस घाट का कायाकल्प 1.2 करोड़ के बजट से किया गया है। इस भव्य पक्के घाट में दो लाख से अधिक दीयों को प्रज्जवलित करने की क्षमता है। घाट में बनाई गई सीढ़ियों में रेड स्टोन से दो खूबसूरत गुम्बद भी बनाए गए। सीढ़ियों पर धार्मिक प्रतीकों को दीयों की श्रृंखला से सजाया गया। दीप प्रज्वलन के बाद घाट पर ही यमुना मां की भव्य आरती का आयोजन किया गया । आरती के समापन के पश्चात दीपदान महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें सवा लाख दीयों का यमुना जी में दीपदान किया गया । कुंभ मेला प्रशासन की ओर से दीपदान के लिए 32 नावों की व्यवस्था की गई थी। कालिंदी का तट दीयों की दूधिया रोशनी से नहा उठा ।

महाकुंभ की तैयारियों पर जाहिर की खुशी

दीपदान महायज्ञ और कालिंदी महोत्सव में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम चौधरी और हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंच दशनाम नाम जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरि जी महाराज ने की। साधु संतो ने महाकुंभ के भव्य आयोजन की योगी सरकार की तैयारियों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आगामी महाकुंभ अपनी भव्यता और नव्यता के लिए एक नजीर बनेगा। महोत्सव और महायज्ञ में हजारों की संख्या में आम नागरिक भी शामिल हुए।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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