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उत्तर प्रदेश

प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा युवाओं को मिला एनएपीएस का लाभ

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लखनऊ। देश में शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) को योगी सरकार ने प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है। योजना के तहत प्रदेश के अंदर 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक 2 लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं ने इसका लाभ लिया है। इसके लिए सरकार की ओर से 50 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि युवाओं में शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया है, जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी मिल पा रही है।

पुरुषों और महिलाओं दोनों को मिला लाभ

जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक उत्तर प्रदेश में एनएपीएस योजना के तहत 2,18,033 प्रशिक्षुओं ने लाभ लिया है। इन लाभार्थियों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सम्मिलित रही हैं। अप्रेंटिस का लाभ लेने वालों में जहां पुरुषों की संख्या 1,85,123 रही है तो वहीं महिलाओं की संख्या 32,608 है। इस योजना में युवाओं को प्रशिक्षण के साथ ही स्टाइपेंड के रूप में आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई। इसके लिए योजना के अंतर्गत प्रदेश में 30 जून तक 51.72 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। यही नहीं, जुलाई 2023 से लेकर 30 जून 2024 के बीच में प्रशिक्षणार्थियों के बीच 46.85 करोड़ रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से वितरित की गई है।

431 स्थानों पर आयोजित हुए अप्रेंटिसशिप मेला

इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश भर में जून 2022 से जून 2024 तक 431 स्थानों पर प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिसशिप मेला (पीएमएनएएम) का आयोजन किया है। इस मेले में प्रदेश भर से 31,273 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। इसमें देश भर से 1873 छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों ने भी प्रतिभाग किया है। मालूम हो कि इस योजना से कुल 5757 उत्कृष्ट प्रतिष्ठान जुड़े हुए हैं, जो न सिर्फ युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अवसर उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि कुशल युवाओं को भी तैयार कर रहे हैं।

नियोक्ताओं को मिलता है कुशल कार्यबल

योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड मिलता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त होती है। प्रशिक्षुता के माध्यम से प्रशिक्षणार्थी व्यावहारिक अनुभव और कौशल से लैस होते हैं, जो उनके करियर में मददगार होता है। प्रशिक्षुता पूरी करने के बाद, प्रशिक्षुओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, सरकार योजना के अंतर्गत नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं के वजीफे का 25% (अधिकतम ₹1500 प्रति माह) प्रदान करती है। वहीं, अप्रशिक्षित प्रशिक्षुओं के बुनियादी प्रशिक्षण की लागत का एक हिस्सा भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को प्रशिक्षित और कुशल कार्यबल मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है तो वहीं रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में स्वास्थ्य विभाग का दस्ता लगातार करें भ्रमण, पूछे लोगों का हाल, जरूरत हो तो उपचार कराए: मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठंड के मौसम में आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, कि पूरे प्रदेश में तेज ठंड का मौसम है। शीतलहर चल रही है। यह समय बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरतने वाले है।

सर्दी, खांसी, श्वांस से जुड़े मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी संभावित है। ऐसे में स्वास्थ्य तंत्र को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए। जांच हो या दवाओं की उपलब्धता, सब कुछ चाक-चौबंद हो। आम आदमी को परेशान न होना पड़े।

महाकुम्भ में तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सेक्टरों में इलाज के पुख्ता इंतजाम हों। एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहे। सर्दी, खांसी, बुखार जैसी मौसमी समस्या हो अथवा कोई अन्य गंभीर बीमारी, सभी को समुचित चिकित्सकीय सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी सेक्टरों में सतत भ्रमण करे और लोगों का हाल-चाल ले, जरूरत हो तो उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता दिलाई जाए।

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