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नेशनल

पीएम मोदी ने किया नए संसद भवन का उद्घाटन, राजद ने की ताबूत से तुलना

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RJD compared new Parliament House to a coffin

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों को सम्मानित किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और हवन और पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने संसद भवन में सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया।

राजद के ट्वीट पर हुआ विवाद

राजद ने नए संसद भवन की ताबूत के साथ तस्वीर ट्वीट की, जिससे विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने कहा कि 2024 में जनता राजद को इसी ताबूत में गाड़ देगी।

धोती-कुर्ता पहने नजर आए पीएम मोदी

पीएम मोदी नएसंसद के उद्घाटन मौके पर धोती-कुर्ता पहने हुए नजर आए। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ राष्ट्रपति महात्मा गांधी को नए संसद भवन में पुष्पांजलि अर्पित की।

संसद भवन की तुलना ताबूत से करना दुर्भाग्यपूर्ण

राजद की नए संसद भवन की तुलना ताबूत से करने पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि लालू यादव की पार्टी ने संसद भवन की तुलना ताबूत से की है। आज वो उसकी तुलना एक ताबूत से कर रहे हैं, क्या वो पुरानी संसद की तुलना जीरो से कर रहे थे? हम पहले शून्य में बैठे थे।

क्या राजद नए संसद भवन का बहिष्कार करेगी

राजद के ट्वीट पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि आज भले ही सभी दलों के लोगों ने भवन बहिष्कार किया हो, लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज़्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।

नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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