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पंजाब

हरियाणा के लोगों ने सभी पार्टियों को मौका दिया, लेकिन कोई अच्छा नहीं निकला: भगवंत मान

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चंडीगढ़। हरियाणा के पंचकूला में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के लिए पांच गारंटी जारी की। इसी क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम राजनीति को धंधा नहीं समझते। हम इसे प्रोफेशन नहीं बल्कि पेशन (जुनून) समझते हैं।

उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टी के नेता यदि अच्छे निकलते तो हमें पार्टी बनाने की क्या जरूरत थी। ये दोनों अफसर थे। मैं एक अच्छा आर्टिस्ट था और मैं कोई फेल आर्टिस्ट नहीं था कि उधर फेल हो गए तो इधर आ गया। क्या जरूरत थी हमें इनसे पंगा लेने की। लेकिन इन्होंने हमें चैलेंज किया कि तुम करके दिखाओ। अब हमने कर दिखाया तो ये कहते हैं कि तुम मत आओ, ये फर्क है।

मान ने कहा कि मैं यहां कोई भाषण देने नहीं आया। मैं पंजाबी और हिंदी दोनों मिक्स करके बोलूंगा। एक बात याद रखना ऐसे मौके बार-बार नहीं आते। हरियाणा के लोगों ने सभी पार्टियों का समय दिया, सभी को मौका दिया। लेकिन कोई अच्छा नहीं निकला।

जब हम रैली करने के लिए जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत जैसे इलाकों में गए तो वहां की जनता ने कहा कि हम लोग हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि आप हरियाणा में भी आएं। दिल्ली और पंजाब में आपने अच्छा काम किया है। अब हमारी जिंदगी सुधारो। यही कारण है कि हमें हरियाणा आना पड़ा।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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