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नॉर्थ-ईस्ट को मिला पहला AIIMS, पीएम मोदी बोले- हम सेवक की भावना से काम करते हैं
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को AIIMS गुवाहाटी और तीन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा हमने नॉर्थ-ईस्ट को पहला AIIMS दिया है। पिछली सरकारों ने असम के लिए कुछ नहीं किया।
2017 में रखी आधारशिला
पीएम मोदी ने मई 2017 में AIIMS गुवाहाटी की आधारशिला रखी थी। इसे 1120 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। एम्स उत्तर-पूर्व के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने देश को 500 बेड वाले तीन मेडिकल कॉलेजों यानी नलबाड़ी मेडिकल कॉलेज, नागांव मेडिकल कॉलेज और कोकराझार मेडिकल कॉलेज भी समर्पित किया।
लाखों लोगों तक पहुंचेगा आयुष्मान कार्ड
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तर-पूर्व को अपना पहला AIIMS और असम को 3 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं। IIT-गुवाहाटी के साथ मिलकर आधुनिक रिसर्च के लिए 500 बिस्तर वाले सुपर स्पेशलिटी वाले अस्पताल का भी शिलान्यास हुआ है।
असम के लाखों-लाख साथियों तक आयुष्मान कार्ड पहुंचाने का काम मिशन मोड पर शुरू हुआ है। पिछले नौ साल में हमने इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर काम किया है और इसलिए हर कोई कनेक्टिविटी से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की बात करता है।
विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कल नई बीमारी देखने को मिल रही है। मैं देश में कहीं भी जाता हूं और 9 वर्षों में हुए विकास की चर्चा करता हूं तो उससे कुछ लोगों को परेशानी हो जाती है। वह शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया, उन्हें श्रेय क्यों नहीं मिलता। श्रेय के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है।
हम सेवक की भावना से काम करते हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपके सेवक होने की भावना से काम करते हैं, इसलिए नॉर्थ-ईस्ट हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी बना रहता है। आज नॉर्थ-ईस्ट में लोगों ने विकास की बागडोर आगे बढ़कर खुद संभाल ली है। भारत के विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
हमारी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे पूरा करती है
पीएम मोदी ने कहा कि हमने बीते वर्षों में 15 नए AIIMS पर काम शुरू किया। इनमें से अधिकतर में इलाज और पढ़ाई दोनों सुविधा शुरू हो चुकी है। AIIMS गुवाहाटी भी इसका परिणाम है कि हमारी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे सिद्ध करके दिखाती है। यह असम की जनता का प्यार है कि मुझे खींचकर ले आता है।
जनता की मुश्किलों को कम करने पर फोकस किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकारों में नीति, नीयत और निष्ठा किसी स्वार्थ से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्र प्रथम, देशवासी प्रथम’ इसी भावना से तय होती हैं। इसलिए हमने वोटबैंक की बजाय देश की जनता की मुश्किलों को कम करने पर फोकस किया। हमने लक्ष्य बनाया कि हमारी बहनों को इलाज के लिए दूर ना जाना पड़े। हमने तय किया कि किसी गरीब को, पैसे के अभाव में अपना इलाज ना टालना पड़े।
उत्तर-पूर्व के लोगों की पीड़ादायक यात्रा खत्म हुई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि पहले उत्तर पूर्व के लोगों को दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में इलाज कराने जाना पड़ता था जिससे उनका सफर पीड़ा से भर जाता था। अब उनकी यह पीड़ादायक यात्रा खत्म हो चुकी है। आज गुवाहटी AIIMS के साथ गुवाहाटी को 3 सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलने जा रहे हैं।
हमने 1.10 करोड़ आयुष्मान कार्ड तैयार किए
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ”मैं असम के लोगों को बताना चाहता हूं कि आज हमने 1.10 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड तैयार किए हैं और अगले डेढ़ महीने में 3.3 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड बनाकर देंगे। इसकी मदद से हर व्यक्ति प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक बिना पैसे में AIIMS, सरकारी मेडिकल कॉलेज या प्राइवेट अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ले सकता है।”
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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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