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बढ़ती गर्मी के बीच मंडरा रहा बिजली का संकट, तीन राज्यों में हो सकती हैं किल्लत

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देश में एक बार फिर बिजली संकट गहराता नजर आ रहा है। दरअसल महंगे हो रहे कोयले के आयात तीन राज्यों में बिजली की भारी कमी ला सकते हैं। माना जा रहा है कि आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान में आने वाले दिनों में बिजली की कमी से आमलोगों को काफी परेशानी हो सकती है।

वहीं इस मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने एक हाई लेवल बैठक भी की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है, हम बिजली की मांग पूरी करेंगे।’ संघीय दिशानिर्देश अनुशंसा करते हैं कि बिजली संयंत्रों में औसतन कम से कम 24 दिनों का स्टॉक हो।

एक तरफ जहां तीन राज्यों में बिजली की कमी की खबरे आ रही है वहीं दूसरी तरफ कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को बताया कि देश का कोयला उत्पादन बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत से बढ़कर 77.72 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। उनका यह बयान कोयले की कमी की खबरों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। खबरों में कहा गया है कि गर्मियों में बिजली की बढ़ती मांग की वजह से कोयले की कमी का संकट पैदा हो गया है। जोशी ने एक बयान में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में देश के कोयला क्षेत्र ने रिकॉर्ड 77.72 करोड़ टन का उत्पादन हासिल किया। इससे पिछले वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन 71.6 करोड़ टन रहा था।

पंजाब में कोयले की कमी

पंजाब की जनता के लिए आप सरकार 300 यूनिट मुफ्त बिजली की पहली गारंटी सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। इसी बीच पंजाब में कोयले की कमी की खबर आई है जिससे प्रदेश में बिजली की कटौती हो रही है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पहले से ही वित्तीय दबाव में है, इसलिए पंजाब सरकार को राज्य की बिजली उपयोगिता को ओवरस्ट्रेन न करने के तरीकों के बारे में सोचना होगा। क्योंकि इस समय पंजाब की बिजली की स्थिति काफी गंभीर बनी रही और चार थर्मल इकाइयां बंद रहीं, जिससे 1,410 मेगावाट का नुकसान हुआ है।

नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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