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पंजाब

5 मार्च को पेश होगा पंजाब का बजट, सीएम भगवंत मान का एलान

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लुधियाना। पंजाब कैबिनेट की गुरुवार को सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में सीम भगवंत मान बजट की तारिख का भी एलान किया। सीम मान ने बताया कि 5 मार्च को बजट पेश होगा. बजट सत्र 1 मार्च से 15 मार्च तक चलेगा। मंत्रिमंडल की बैठक का विवरण साझा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब विधानसभा का बजट सत्र एक से 15 मार्च तक बुलाया जाएगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पांच मार्च को पेश किया जाएगा.

मंत्री ने बताया कि बजट सत्र एक मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चार मार्च को और बजट पर चर्चा छह मार्च को होगी। एक और फैसले में, कैबिनेट ने पिछले साल सुल्तानपुर लोधी में ड्यूटी के दौरान मारे गए होम गार्ड जसपाल सिंह के परिवार को विशेष मामले के रूप में अनुग्रह अनुदान को मंजूरी दे दी।

जसपाल सिंह की मौत तब हुई जब पिछले साल नवंबर में कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में ‘निहंगों’ के एक समूह ने कथित तौर पर गोलीबारी की थी. यह घटना तब हुई जब पुलिसकर्मियों ने सुल्तानपुर लोधी में गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब को ‘निहंगों’ के एक गुट से खाली कराने की कोशिश की।

पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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