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पंजाब

पंजाब सरकार ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के 23 जिलों में कंट्रोल रूम किए स्थापित

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चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार नई-नई योजनाएं बना रही है। इसके साथ-साथ ही मान सरकार प्रदेश की जनता के जीवन को सवारने के लिए काम कर रही हैं। इसी सिलसिले में पंजाब सरकार ने बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही प्रदेश के 23 जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। इन सभी कंट्रोल रूम पर जिला राजस्व अधिकारियों को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। इस बात की जानकारी पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने दी है।

पंजाब मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति को कंट्रोल करने के लिए मान सरकार की तरफ से सभी इंतजाम किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि सीएम भगवंत सिंह मान के दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी डिप्टी कमिश्नरों को नालों, गटर और नहरों आदि की सफाई के लिए वित्तीय सहायता पहले ही जारी कर दी गई है। इसके साथ ही सभी जिलों में सफाई का काम भी पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा भी अगर किसी क्षेत्रे भी अप्रिय घटना होती है तो इस स्थिति में लोगों की सहायता के लिए कंट्रोल रूमों से संपर्क स्थापित किए गए हैं।

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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