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पंजाब

युवाओं को रोजगार देने के लिए ब्यूटी एंड वैलनैस क्षेत्र में सैंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करेगी पंजाब सरकार

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भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार के मौके प्रदान करने के लिए ब्यूटी एंड वैलनैस क्षेत्र में सैंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करेगी. इसके अंतर्गत मंगलवार को पंजाब कौशल विकास मिशन ( पीएसडीएम) द्वारा राज्य के 300 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण और रोजगार देने के लिए हेयर रेजरज एलएलपी के साथ समझौता किया गया है. पंजाब के रोज़गार उत्पति, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा की मौजूदगी में पीएसडीएम के मिशन डायरेक्टर अमृत सिंह और हेयर रेजरज एलएलपी के मैनेजिंग डायरेक्टर मुनीश बजाज ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. अरोड़ा ने बताया कि हेयर रेजरज एलएलपी द्वारा उम्मीदवारों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पीएसडीएम की संकल्प योजना के अंतर्गत किए गए इन समझौतों का उदेश्य असिस्टेंट हेयर ड्रेसर एंड स्टाईलिस्ट, प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट, असिस्टेंट नेल टैकनीशियन, और नेल टैकनीशियन सहित अलग-अलग कौशल विकास कोर्स में प्रशिक्षण प्रदान करना है. उन्होंने यह भी बताया कि पीएसडीएम इस समझौते को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए मार्गदर्शन, फंडिंग और सहायता प्रदान करने के साथ-साथ संबंधी साझेदारों के साथ तालमेल करेगा. और उम्मीदवारों को लामबंद करने में सहायता करेगा.

रोजगार उत्पत्ति मंत्री ने तेजी के साथ बढ़ रहे इस सेवा क्षेत्र में युवाओं को कौशल बनाने संबंधी इस प्रयास के लिए दोनों पक्षों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह समझौता पंजाब के युवाओं को कौशल बना कर रोजगार प्रदान करने और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देने की तरफ एक अहम कदम है.

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पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

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चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

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