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ट्रेन में सफर कर रहीं माओं को रेलवे का तोहफा, लखनऊ मेल में लगी बेबी बर्थ
लखनऊ। भारतीय रेलवे ने मातृ दिवस के अवसर पर लखनऊ मेल में ‘बेबी बर्थ’ जोड़ा है ताकि छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाली माताओं को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और आसानी से यात्रा करनी पड़े दरअसल पहले एक ही birth पर माँ अपने बच्चों को साथ लेकर सफऱ करती थीं ऐसे में उनको काफ़ी दिक्कतें होती थीं।लेकिन रेल मंत्रलाय के इस क़दम से अब मुश्किलें आसन हो जाएगीऔर सफ़र मंगलमय होगा।
अपने शिशुओं के साथ यात्रा करने वाली माताओं के लिए यह बर्थ बेहद फायदेमंद साबित होगी. फोल्डेबल बर्थ को अटैच करने से मां और बच्चे दोनों को सोने या आराम करने के लिए अलग-अलग जगह मिलेगी.बेबी बर्थ की लंबाई 770 मिमी, चौड़ाई 255 मिमी और ऊंचाई 76.2 मिमी है।
लखनऊ डिवीजन के डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर अतुल सिंह ने बताया कि ‘बेबी बर्थ’ को आसानी से स्टॉपर के माध्यम से फोल्ड किया जा सकता है। साथ बच्चे की सुरक्षा के लिए बर्थ पर पट्टियां भी लगाई गई हैं।
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कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।
कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?
वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।
वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।
14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ
ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।
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